हमारी स्मृति का विडियो टेप के रूप में आपके

द्वारा लिखित :   जैक पूनन श्रेणियाँ :   मूलभूत सत्य साधक
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एक विडियो कैमरा (चल चित्र यंत्र) की मदत से हमारे चारों ओर (उपस्तिथ) दिखाई देने वाले दृश्य एंड सुनायी पड़ने वाले आवाजों का बिल्कुल सटीक अभिलेखन संभव हो गया है|, और, जब इस विडियो को परदे पर दोहराएंगे /दर्शायाएंगे तो हमारे चारों ओर घटित संभावनों के सटीक विवरण का अव्लोखन पाएंगे |

पवित्र शर्त्र बतलाती है की एक दिन आने वाला है जब हम सभी को परमेश्वर के समक्ष अपने किये का लेखा - जोखा देना होगा | जब हम इस पृथ्वी पर अनेक सदियों से जिए मानव जाती के इतिहास में उन असंखा लोगों के बारे में विचारेगें तो यह सोच कर अस्चार्यचाकित हो जायेगे की किस प्रकार परमेश्वर इन असंखा लोगों द्वारा कियी गये
1. कार्य
2.बोल ओर
3.उनके विचारों का लेखा - जोखा (का हिसाब) रखता है | परमेश्वर प्रतिएक मनुष्य के स्मृति में इन विवरणों का हिसाब रखता है |

हमारी स्मृति एक विडियो टेप की तरह विस्वस्योग्यता अवम ईमानदारी से उन सारी विषयों को अंकित कर लेता है जिसे हम करते,बोलते या विचरते है | न सिर्फ इतना बल्कि यह हमारी भीतरी भावनाओ ओर व्यवहारों को भी दर्ज (अंकित) कर लेता है | किसी व्यिक्ति की मृतु हो जानी पर वह अपने शारीर को इस धरती पर छोड़ देता है परन्तु उसकी "स्मृति" उसके आत्मा का एक अंग होने के नाते मृत आत्माओं के स्थान पर पहुँच जाती है | अंत में जब न्याय का दिन आएगा,तब उसकी आत्मा शारीर के संग होकर मिटटी में मिल जाएगी (जो उसके शारीर का एक अंग था) और परमेश्वर के (सम्इक्ष) अपने संपूर्ण जीवन का हिसाब देने के लिए वह शारीरिक रूप से पुनः जी उठेगा | और उस दिन जब प्रतिएक व्यैक्ति के न्याय करने की बारी आएगी तब परमेश्वर को मात्र उसके विडियो को दोहराएंगे की अवशता होगी जो उसके स्मृति में अंकित है ओर इस प्रकार सारे संसार के समक्ष उसके जीवन के लेखे - जोखे प्रसारण होगा | परदे पर दर्शाए गये दृशओं की सटीकता और मानकता पर कोई भी सवाल नहीं करेगा क्यों की वह दृश्य स्वयं उस के स्मृति से दोहराए जाने वाले उसके जीवन के दृश्य होंगे |

आज हम शालीनता और धार्मिकता का लिबाज़ धारण कर जो ढोंग कर रहें है उस दिन उतर जाएगा,और उनके असली / भीतरी व्यक्ति का खुलासा (उजागर) हो जायेगा | धार्मिकता हमारी मदत नहीं कर पायेगें क्योंकी हमरे पाप साफ़ नज़र आयेगें चाहे वह किस्सी भी धर्म के अनुयाई क्यों न हों | अच्छे (धार्मिक) कार्य, गरीबो और धार्मिक स्थानों को दियी गयी दान-पुण्य भी हमें नहीं बचा सकते - क्यों की हमरे द्वारा किये गये अच्छे कार्य हमरा पापों को प्रमानों (चिट्टा)को नहीं मिटा सकते |

उन सारे बुरे कार्य जिससे हमने किये/कहे या सोचें हों को परमेश्वर के समक्ष मिटने का एक मात्र उपाय यह है की न्याय के दिन में उस विडियो टेप का प्रसारण न हो - संभवता हमारे अच्छे कार्य हमारे पापों को कदापि नहीं मिटा सकते |

हमरे पापों के न्यायिक (अवम) धार्मिक दंद मिलना ही उचित होगा| पवित्र शास्त्र कहती है की विधि द्वारा हमारे पापों के लिए एक ही उचित दंद निधारित किया गया है - और वह शाश्वत/अनंत मृत्यु है हमारे पापों के लिए मृत्यु ही योग्य दंद है |

हमे इस शाश्वत(anant) मृत्यु की सज़ा से बचने के खातिर 2000 वर्ष पूर्व परम पिता परमेश्वर का इकलोता पुत्र प्रभु येशु मसीहा स्वर्ग से पृथ्वी पर एक मानव रूप में आये ओर येरुशलम नगर के भहर क्रूस पर अपने प्राण त्यागे (बलिदान) | सम्पूर्ण मानव जाती के पापों के लिए (चाहे वह किसी भी धर्म का क्यों न हो) क्रूस पर उस दैविक दंद (सज़ा) को भोगा | परन्तु कब्र में दफनाये जाने के तीन दिन पश्चात मृतकों में से पुनः जी उठा ओर इससे यह प्रमाणित हुआ धरती पर वह मानव रूप में स्वयम परमेश्वर का प्रकटीकरण थे,ओर इसी प्रकार मानवता के सर्वोच्च शत्रु - मृत्यु पर विजय पाई | 40 दिन पश्चात लोगों के बीच उनके नज़रों के सामने जब स्वर्ग पर उनका उदगम हुआ तब उन्होंने यह प्रतिक्याँ (pratinyaa)की ki वह एक निर्धारित समय पर सम्पूर्ण मानव जाती के न्याय हेतु पुनः इस पृथ्वी पर लोटेंगें | इस घटना के बाद 2000 वर्ष बीत चेके हैं | उनके पुनः आगमन का समय निकट आ गया है | इन में से एक दिन हम प्रभु येशु को बादलों के मध्य , स्वर्ग से उतरता देखेंगे |

येसु मसिह ही इतिहास के एक मात्र व्यक्ति हैं जिन्होंने सम्पूर्ण मानव जाती के पापों के लिए (क्रूस पर म्रत्यु द्वारा) अपने प्राणों का बलिदान दिया- (और) प्रभु येशु ही एक मात्र (व्यक्ति) है जो मृतकों में से पुनः जी उठे | यह दोनों सम्भावना (मामले / घटनाएँ) प्रभु येसु को बिलकुल अतुल्या बनती है |

आज भी हम अपने पापों से क्षमा प्राप्त कर अपने स्मृति के विडियो टेप से सारे पापों को मिटा सकते हैं यदि हम ईमानदारी(/सचाई)से अपने पापों से मुख मुड़ें और सचे रूप से मन फिराव करके परमेश्वर से प्रार्थना(/बिनती) करे की प्रभु येशु के खातिर हमें क्षमा करें और पूरे ह्रदय से विश्वास करें की प्रभु येशु हमारे ही पापों से कारण मारा और मृतकों में से पुनःजीवित हो उठा|

आप भी अपने जीवन मैं प्रभु येशु को ग्रहण कर अपने पापों को मिटने की विनती कर सकते है,चाहे आपके पाप कितने ही गहरे ओर अन-गिनत क्यों ने हो | फिर आप भी परमेश्वर की संतान बन कर एक नए सिरे से आपना जीवन प्रारंभ कर सकते है |

परमेश्वर द्वारा मानव जाती के उद्धार/मुक्ति के लिए निधारित (एक ही) मार्ग यही है | इस मौके का भरपूर लाभ उठाएं | वरना याद रखे की आपका अगला विकल्प - न्याय के अंतिम दिन में अपने पापों का लेखा - जोखा जो विडियो टेप के रूप में आपके स्मृति में दर्ज है उसके (सज़ा) द्वारा चुकाना होगा |

इस सत्य को जनने के पश्चात शास्वत न्याय के परिणाम स्वरुप पापियों के संग (मिलकर) अनंत काल तक "आग की झील" अपने जीवन को गुजरने की सम्भावन के गंभीरता को समझें |

इसीलिए हमारा यह कर्त्तव्य बनता है की आप को प्रेम पूर्वक चेतावनी दें | (ओर) आशा करते है की बीना किसी विलम्ब के आप इस सही निर्णय लेंगे और परिणाम स्वरुप परमेश्वर आपको अनंत जीवन से आशीषित करे |

परमेश्वर की तरफ से आप सब को हम प्रेम पूर्वक आमंत्रित करते है!