द्वारा लिखित :   जैक पूनन
WFTW Body: 

सम्पूर्ण सुसमाचार पुस्तक से (कॉपीराइट - 1996)

हम बाइबिल में दो विरोधाभासी सेवकाईओं को पढ़ते है जिनका हमारे समय काल से बहुत ही सम्बन्ध है।

दानिय्येल-सेवकाई

दानिय्येल एक ऐसा व्यक्ति था जिसे परमेश्वर उसकी पीढ़ी में एक अन्यजाति भूमि में उपयोग कर सका। जब वह बेबीलोन में अन्य यहूदियों के साथ एक बंदी के रूप में एक जवान व्यक्ति था, "उसने अपने मन में ठान लिया कि वह अपने आप को अपवित्र होने नहीं देगा" (दानिय्येल 1: 8)।

कैदी यहूदियों के बीच तीन अन्य युवकों - हनन्याह, मीशाएल, और अजर्याह ने दानिय्येल को यहोवा के लिए खड़े रहते देखा। इससे उन्हें साहसी होने और खुद परमेश्वर के लिए अपने आप से खड़े होने और दानिय्येल के साथ शामिल होने के लिए प्रोत्साहन मिला (दानि 1: 11)। उनके पास परमेश्वर के लिए अपने आप से खड़े होने का साहस नहीं था। लेकिन जब उन्होने दानिय्येल को खड़े होते हुए देखा तब वे निडर हो गए। आज दुनिया में ऐसे कई मसीही हैं, जिनके पास अकेले परमेश्वर के लिए खड़े होने की हिम्मत नहीं है। लेकिन जब वे एक दानिय्येल को कहीं परमेश्वर के लिए खड़े होते हुए देखते हैं, तो वे उससे जुड़ जाते हैं। और इसलिए परमेश्वर आज ऐसे दानिय्येल की तलाश में है।

क्या आप परमेश्वर के लिए ऐसे 'दानिय्येल' होंगे? क्या आप कहेंगे, "मैं कभी भी शिष्य बनने के बारे में परमेश्वर के वचन की शिक्षाओं पर समझौता नहीं करूंगा (लूका 14: 26-33), या यीशु के पहाड़ी उपदेश पर (मत्ती 5 से 7), या नई वाचा के बारे में (रोमी 6: 14), या मसीह की देह के बारे में (इफि 4: 11-16), या कुछ भी हो। मैं किसी भी समझौता करने वाले पादरी या प्राचीन या किसी विश्वासी को खुश करने की कोशिश नहीं करूंगा। और मैं परमेश्वर का वचन जो कहता हैं उसके लिए सौ प्रतिशत (100%) खड़ा रहूँगा।

आज दुनिया में ऐसे दानिय्येल-सेवकाई की बड़ी ज़रूरत है, ऐसे पुरुष और महिलाएं जो "कई लोगों की धार्मिकता के लिए अगुवाई करेंगे" (दानि 12: 4)। यह वचन उन प्रचारकों का जिक्र नहीं कर रहा है जो धार्मिकता के बारे में प्रचार करते हैं, लेकिन जिक्र करता है ऐसे सामान्य विश्वासियों का जो दूसरों की उनके वचन और उनके जीवन द्वारा धार्मिकता की ओर अगुवाई करते हैं।

लूसिफर-सेवकाई

हम पवित्रशास्त्र में एक और सेवकाई के बारे में पढ़ते हैं, और यह सेवकाई इस "दानिय्येल-सेवकाई" से बिलकुल विपरीत है।

यह "लूसिफर-सेवकाई" है।

प्रकाशितवाक्य 12: 4 में, हम पढ़ते हैं कि लूसिफर (यशायाह 14: 12 - जो शैतान बन गया) ने स्वर्ग के एक तिहाई स्वर्गदूतों (सितारों) को उसके साथ खींच लिया। (दूतों को अय्यूब 38: 7 में "तारे" कहा गया है और लुसीफर को यशायह 14: 12 में "भोर का तारा" कहा गया है)। परमेश्वर के खिलाफ विद्रोह मे लूसिफर करोड़ो दूतों के एक तिहाई हिस्से को अपने साथ मिलाने में सफल रहा। परमेश्वर तब तक इंतजार कर रहा था जब तक कि सभी विद्रोही स्वर्गदूतों को लूसिफर द्वारा इकट्ठा नहीं किया गया था। फिर परमेश्वर ने उन्हें तुरंत अपनी उपस्थिति से बाहर निकाल दिया। ये अब दुष्ट आत्मायेँ हैं, जो धरती पर लोगों के आस-पास उन पर कब्जा करते हुए घूमती हैं।

परमेश्वर ने लूसिफर को यह अनुमति क्यों दी कि वह इतने सारे स्वर्गदूतों को भरमा कर उसके साथ मिला सका? यह इसलिए था कि सारे असंतुष्ट और विद्रोही दूतों को स्वर्ग में से दूर किया जा सके। उन स्वर्गदूतों के अंदर विद्रोह करने की आत्मा का तब तक पर्दा फ़ाश नहीं होता जब तक कि उनके बीच में एक लूसिफर आकर परमेश्वर से विद्रोह करने में उनकी अगुवाई नहीं करता।

इसी प्रकार, आज, परमेश्वर भी कलीसिया में भाइयों व बहनों को लूसिफर-सेवकाई करने की अनुमति देता है। परमेश्वर उन लोगों को अनुमति देता है जो (पुराने लूसिफर की तरह) कलीसिया में अधिकारियों के खिलाफ विद्रोह की भावना रखते हैं ताकि विभिन्न विश्वासियों से मिलकर, उन्हें ईमेल भेजना, पीठ पीछे बोलना, आरोप लगाना, झूठ बोलना और बुरा बोलना, ताकि सभी असंतुष्ट, विद्रोही और सांसारिक "विश्वासियों" कलीसिया में पहचाने जा सके और उन्हे उजागर किया जा सके। तब वे एक-एक करके, या एक साथ कलीसिया छोड़ देंगे। इस प्रकार स्थानीय कलीसिया को शुद्ध किया जाएगा (जैसे स्वर्ग शुद्ध किया गया था) मसीह के देह की शुद्ध अभिव्यक्ति बनने के लिए।

परमेश्वर उन लोगों को नहीं रोकता जो इस तरह के लूसिफर-सेवकाई में आज जुड़कर कलीसिया में घूम रहें हैं, जैसे कि उन्होंने सेंकड़ों वर्षो पहले असली लूसिफर को स्वर्ग में चारों ओर घूमने से नहीं रोका था। यह कलीसिया को शुद्ध करने का परमेश्वर का तरीका है।

लेकिन हमें उन लोगों के खिलाफ विश्वासियों को चेतावनी देना चाहिए जो इस तरह के लूसिफर-सेवकाई में जुड़े हैं। पौलुस ने विश्वासियों को चेतावनी दी, "अब हे भाइयो, मैं तुम से बिनती करता हूं, कि जो लोग उस शिक्षा के विपरीत जो तुम ने पाई है, फूट डालने, और ठोकर खिलाने का कारण होते हैं, उन्हें ताड़ लिया करो; और उन से दूर रहो। क्योंकि ऐसे लोग हमारे प्रभु यीशु मसीह की नहीं, परन्तु अपने पेट की सेवा करते है; और चिकनी चुपड़ी बातों से सीधे सादे मन के लोगों को बहका देते हैं”। रोमियों 16: 17,18।

हम इस बात से डरते नहीं हैं कि ऐसे लोग क्या कर सकते हैं। इसलिए हम उनके साथ लड़ते नहीं हैं। वे कलीसिया को भ्रष्ट नहीं कर सकते हैं। वे केवल परमेश्वर के बगीचे से जंगली दाने निकाल लेंगे। और इसलिए वे वास्तव में कलीसिया को साफ करके हमारी सेवा कर रहे हैं! परमेश्वर स्वयं अपनी कलीसिया की रक्षा करता है।

जैसा कि प्रेरित यूहन्ना ने कहा था, "वे निकले तो हम ही में से, पर हम में के थे नहीं; क्योंकि यदि वे हम में के होते, तो हमारे साथ रहते, पर निकल इसलिये गए कि यह प्रगट हो कि वे सब हम में के नहीं हैं”। (1 यूहन्ना 2: 19)

परमेश्वर उन सभी को नष्ट कर देगा जो उसकी कलीसिया को नष्ट करने की कोशिश करते हैं (1 कुरुन्थियों 3: 17)। लेकिन परमेश्वर किसी के विनाश की इच्छा नहीं करता। हम भी नहीं। परमेश्वर धीरज से सहनेवाला परमेश्वर है और न्याय करने से पहले वह बहुत सालों तक इंतजार करता है - क्योंकि वह नहीं चाहता कि किसी एक का भी नाश हो। बल्कि वह चाहता है कि हर कोई मन फिराए। और हम भी यही चाहते है।

नूह के समय में, परमेश्वर ने 120 साल इंतजार किया। लेकिन जब परमेश्वर न्याय करता है, तब उसका न्याय बहुत कठोर होता हैं।

विभाजन में परमेश्वर का उद्देश्य

इसलिए घमंड से यह कहना मूर्खता की बात होगी कि एक कलीसिया में कभी कोई विभाजन नहीं हुआ हैं। जैसा कि हमने देखा है, स्वर्ग में भी स्वर्गदूतों के बीच में, आरंभ में ही एक विभाजन हुआ था। ऐसे विभाजन आवश्यक हैं। पवित्र आत्मा कहता है, "आपके बीच (कलीसिया में) विभाजन होना चाहिए, ताकि परमेश्वर द्वारा पुष्टित किए गए लोग प्रकट हो जाएँ"(1 कुरुन्थियों 11: 19)।

जब परमेश्वर ने पहले दिन उजियाला बनाया, "और परमेश्वर ने देखा कि उजियाला अच्छा है"। परमेश्वर ने जो अगली बात की थी वह था, "और परमेश्वर ने उजियाले को अँधियारे से अलग किया" (उत्पत्ति 1: 4)। और परमेश्वर अपनी कलीसिया में तब से ऐसा कर रहा है - क्योंकि उजियाला अंधकार के साथ कोई सहभागिता नहीं कर सकता है। इस तरह के अलगाव के बिना, कलीसिया में पृथ्वी पर परमेश्वर की गवाही दूषित हो जाएगी। तो हम पीछे खड़े होकर लोगों को उनकी लूसिफर-सेवकाई करने की इजाजत देते हैं ताकि हमारे पास एक शुद्ध कलीसिया हो सके! वास्तव में परमेश्वर के तरीके अद्भुत हैं।

हम सभों के पास या तो दानिय्येल-सेवकाई (कलीसिया में एकता और संगति बनाना) या लूसिफर-सेवकाई (फूट डालना) हो सकती है। परमेश्वर उन लोगों से नफरत करता है जो फूट डालते है (नीतिवचन 6: 16-19)। लेकिन हम इस मामले में तटस्थ (न्यूट्रल) नहीं हो सकते, क्योंकि यीशु ने कहा कि जो लोग उसके साथ इकट्ठे नहीं होते वे लोग उससे दूर बिखरे हुए हैं। कलीसिया में केवल दो सेवकाई हैं – एक इकट्ठा करना और दूसरा बिखेरना। (मत्ती12: 30)।

हमारे कलीसियाओं में, परमेश्वर ने अद्भुत और चतुराई- पूर्वक परिस्थितियों की व्यवस्था की, ताकि हमारे बीच से उन लोगों का पर्दा फ़ाश कर के निकाले जो पद और आदर की खोज करते थे या जिनके पास विवादास्पद आत्मा थी, या वे ऐसे जवान भाइयों से ईर्ष्या करते जो उनसे आत्मिक रूप से आगे बढ़ रहे थे। परमेश्वर ने ऐसे "चालाक" लोगों को “उनकी स्वयं के चतुराई में पकड़ा है" (1 कुरुन्थियों 3: 19) और कलीसिया का "अपहरण" करने के लिए उनकी गुप्त योजनाओं को विफल कर दिया! यह हमारे लिए परमेश्वर की देखभाल का प्रमाण है, और उसकी तीव्र इच्छा है कि हमारी कलीसियाओं में उसके नाम के लिए शुद्ध गवाही हो।

हम परमेश्वर की स्तुति करते हैं कि वह हमें ऐसे शैतानि हमलों से बचाने के लिए लगातार देखता है। "जब तक कि परमेश्वर शहर की रक्षा नहीं करता, तब तक पहरेदार का जागना व्यर्थ हैं"। (भजन127: 1) यह केवल वही है जहां भाई एकता में एक साथ रहते हैं वहाँ परमेश्वर उसकी आशीष का आदेश दे सकते हैं (भजन133: 1, 3)। केवल एक संयुक्त कलीसिया नरक के फाटको पर विजय प्राप्त कर सकती है। इसलिए पवित्र आत्मा हमारे बीच में सामर्थी रूप से काम करता है, ताकि ऐसे लोगो को हटा दे जो उस एकता को रोकते हैं, ताकि हमारे सभी कलीसियाओं में एकजुट शरीर के रूप में हमें संरक्षित किया जा सके।

हमें प्रार्थना करनी चाहिए कि परमेश्वर भविष्य में भी हमारे बीच इस काम को जारी रखे - क्योंकि हमेशा हमारे बीच में घमंड से भरने और स्वयं की खोज करनेवाले लोगो की संभावना होती है। हालांकि, हमारे लिए परमेश्वर का वादा यह है: “उस समय मैं तेरे बीच से सब फूले हुए घमण्डियों को दूर करूंगा… मैं तेरे बीच में दीन और कंगाल लोगों का एक दल बचा रखूंगा, और वे यहोवा के नाम की शरण लेंगे”। (सपन्याह 3:11,12)। कलीसिया केवल ऐसे नम्र और दीन लोगों के साथ एकता में बनाई जा सकती है।

परमेश्वर शुद्धता में अपने कलीसिया को संरक्षित करने के लिए ईर्ष्या रखता हैं, और इसलिए परमेश्वर स्वयं के तरीके से और उसके समय में, अपने स्वार्थ की खोज करने वाले लोगों को उजागर करेगा और हटाएगा, जैसे कि उसने सही समय पर मंदिर से धन के व्यापारियो को निकाल दिया था।

हम सभी को इन आखिरी दिनों में जीने के लिए कृपा और ज्ञान मिले, क्योंकि परमेश्वर चाहता है कि हम जिए और परमेश्वर की महिमा के लिए, हर जगह एक शुद्ध गवाही के रूप में प्रभु यीशु मसीह की कलीसिया का निर्माण करे। आमीन।