द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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गिनती 22 से 24 अध्याय में, हम बिलाम के विषय में पढ़ते है। यह लेखांश बहुत सी बातों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जब राजा बालाक ने बिलाम नबी को इस्राएल को श्राप देने के लिए बुलाया, तो बिलाम ने परमेश्वर की इच्छा जाननी चाही। और परमेश्वर ने बिलाम को स्पष्ट रूप में मना कर दिया। लेकिन राजा बालाक ने बिलाम से कहा कि यदि वह आएगा तो वह उसे अधिक सम्मान और धन देगा। तब बिलाम ने कहा कि वह दोबारा से परमेश्वर की इच्छा जानने की कोशिश करेगा। दूसरी बार परमेश्वर की इच्छा जानने की क्या जरूरत थी, जबकि परमेश्वर ने, जो आदि से अंत तक की सब बातें जानता है, उसे पहले ही जाने से मना कर दिया था? लेकिन बिलाम सम्मान और धन पाने के लिए लालायित था। बाइबल कहती है कि “बिलाम ने अधर्म की कमाई को प्रिय जाना था” (2 पतरस 2:15)

आप भी स्वयं को ऐसी परिस्थितियों में घिरा हुआ पा सकते है, कि जब आप परमेश्वर को खोजते है और अपनी आत्मा में स्पष्ट रूप से यह जान लेते है कि परमेश्वर यह नहीं चाहता कि आप किसी खास जगह में जाएं। लेकिन आपको वहाँ का वेतन बहुत आकर्षक लगता है और आप इस प्रलोभन में पड़ते है कि “परमेश्वर की इच्छा को दोबारा जाने!” जब भी आप किसी ऐसी परिस्थिति में पड़ें तो बिलाम को याद रखे। सिर्फ इस वजह से परमेश्वर अपना विचार नहीं बदलेगा कि आपको ज्यादा वेतन या ज्यादा सम्मान मिलने वाला है। लेकिन जब परमेश्वर यह देखता कि एक व्यक्ति एक मार्ग मे आगे बढ़ना ही चाहता है, तो वह उसे नहीं रोकेगा। वह उसे जाने देगा। यही वजह थी कि जब बिलाम ने परमेश्वर से दूसरी बार जानना चाहा तो परमेश्वर ने उसे जाने के लिए कह दिया। वह परमेश्वर की सिद्ध इच्छा नहीं थी। वह बिलाम की स्वत्रंत इच्छा को दबा कर उसे एक यंत्र (रोबोट) नहीं बनाना चाहता था। उसने देखा कि बिलाम वास्तव में जाना चाहता था। इसलिए परमेश्वर ने कहा, “जा!” यह बात उस उड़ाऊ पुत्र के समान थी जिसके पिता ने अपने पुत्र को एक र देश में जाने दिया था। परमेश्वर ने हमें चुनाव करने की आज़ादी दी है और वह हमारी स्वत्रंत इच्छा को कभी निरस्त नहीं करेगा।

लेकिन परमेश्वर ने फिर भी बिलाम को रोकने के लिए अपने स्वर्गदूत को भेजा। बिलाम को स्वर्गदूत नजर नहीं आया लेकिन उसकी गदही को नजर आया। इसमें हमारे सीखने के लिए क्या पाठ है? बस यही: जब एक व्यक्ति धन के प्रेम में अंधा हो जाता है, तो एक गदहा भी आत्मिक वास्तविकताओं को उससे ज्यादा स्पष्ट रूप में देख सकेगा! क्योंकि उस गदही को धन से प्रेम नहीं था इसलिए वह स्वर्गदूत को स्पष्ट रूप में देख सकी! बिलाम स्वर्गदूत को नहीं देख सका क्योंकि उसने धन से प्रेम किया। बिलाम ने परमेश्वर की आत्मा, जो उस पर उतरी थी, उसका अनुभव किया था और उसने मसीह के आने के बारे में भविष्यवाणी की थी (गिनती 24: 2, 17)। लेकिन उसने धन के प्रेम के कारण सब कुछ खो दिया।

उस गदही ने अपने स्वामी से बोलना शुरू कर दिया। बाइबल में “अन्य भाषाओं में बोलने” की यह पहली घटना है – एक गदही एक अनजानी भाषा को धारा-प्रवाह बोल रही थी – ऐसी भाषा जो उसने पहले कभी नहीं सीखी थी! वह एक अलौकिक बात थी। वह निस्संदेह परमेश्वर की ओर से थी! लेकिन हमें पवित्र-शास्त्र में दर्ज अन्य-भाषा बोलने की इस पहली घटना से यह सीखने की जरूरत है कि अन्य-भाषाओं में बोलने से कोई व्यक्ति आत्मिक नहीं हो जाता – क्योंकि अन्य-भाषा में बोलने के बाद भी और परमेश्वर की अलौकिक सामर्थ को उसकी जबान में से प्रवाहित होने के बाद भी, वह गदही एक मूढ़ गदही बनी रही! यह बात हमेशा याद रखें!