द्वारा लिखित :   जैक पूनन
WFTW Body: 

इफिसियों शायद पौलूस द्वारा लिखी गई सबसे आत्मिक पत्री है, और यह इस बात का संकेत है कि इफिसुस की कलीसिया उस समय एक बहुत आत्मिक अवस्था में थी। वह एक बहुत अच्छी कलीसिया थी। पौलूस को उसमें किसी तरह का सुधार करने की जरूरत नहीं थी। इफिसियों की पत्री पृथ्वी पर एक स्वर्गीय जीवन जीने के बारे में है। एक कलीसिया और एक मसीह पृथ्वी पर अपना काम तभी पूरा कर सकेंगे जब वे स्वर्गीय मन के होंगे। आपका मन जितना ज्यादा स्वर्गीय बातों पर लगा होगा आप पृथ्वी पर आपके लिए परमेश्वर के उद्देश्य को उतना ही ज्यादा पूरा कर सकेंगे। और आपका मन जितना ज्यादा पृथ्वी की बातों पर लगा होगा, तो चाहे आप यह कहने वाले भी क्यों न हो कि आप मरने के बाद स्वर्ग जाएंगे, आप पृथ्वी पर परमेश्वर के उद्देश्यों को पूरा करने में उतने ही निकम्मे होंगे। आपका घर परमेश्वर के लिए अपने कार्य को सिर्फ तभी पूरा कर सकेगा जब वह एक स्वर्गीय घर होगा। प्रभु की इच्छा हमारे लिए यही है – “पृथ्वी पर हमारे दिन, पृथ्वी पर स्वर्ग के दिनो के समान हो सके” (व्यवस्थाविवरण 11:21 के. जे. वी. अनुवाद)। यह पुरानी वाचा में संभव नहीं था। लेकिन इफिसियों की पत्री हमें बताती है कि हम नई वाचा में इस तरह कैसे जी सकते है।

इफिसियों 1:3 कहता है, “हमारे प्रभु यीशु मसीह का पिता धन्य हो जिसने हमें मसीह में स्वर्गीय स्थानो में सब प्रकार की आत्मिक आशीषों से आशिषित किया है”। यह ध्यान दे कि यह सारी आशीषे भौतिक नहीं आत्मिक है। भौतिक आशीषे वे थी जिनकी प्रतिज्ञा पुरानी वाचा में इस्राएलियों से की गई थी। हम उसके बारे में व्यवस्थाविवरण 28 में पढ़ सकते है। यही वह फर्क है जो मसीह द्वारा आने वाले अनुग्रह और मूसा द्वारा आने वाली व्यवस्था के बीच में है। अगर पुरानी वाचा में ऐसा कोई वचन होता, तो वह इस तरह पढ़ा जाता: “सर्वशक्तिमान परमेश्वर (हमारा पिता नहीं) धन्य हो जिसने हमें मूसा में पृथ्वी के स्थानो में सभी भौतिक आशीषों से आशिषित किया है”। इसलिए ऐसे विश्वासी जो मुख्य तौर पर शारीरिक चंगाई और भौतिक आशीष खोजते है, वे वास्तव में पुरानी वाचा में लौट जाते है। ऐसे “विश्वासी” असल में मसीही नहीं इस्राएली है। वे मसीह के नहीं परंतु मूसा के शिष्य है।

तब क्या इसका यह अर्थ है कि आज परमेश्वर विश्वासियों को भौतिक रूप से आशिषित नहीं करता? वह करता है – लेकिन एक अलग तरीके से। जब वे पहले उसके राज्य और धार्मिकता की खोज करते है, तो उनकी पृथ्वी पर की सारी जरूरते उनके लिए पूरी की जाती है। पुरानी वाचा में, लोग सिर्फ इन पार्थिव वस्तुओं की ही खोज में रहते थे और उन्हें यह सब भरपूरी से मिलता था – अनेक बच्चे, बड़ी जमीन-जायदाद, बहुत सा धन, शत्रुओं पर जय और पृथ्वी पर बहुत सी पद-प्रतिष्ठा इत्यादि। लेकिन नई वाचा में, हम आत्मिक आशीषे खोजते है – आत्मिक बच्चे, आत्मिक धन, आत्मिक सम्मान, आत्मिक जय (फिलिस्तीनियों या मनुष्यों पर नहीं, बल्कि शरीर और शैतान पर)। हमारी पार्थिव जरूरते, जैसे कि वह स्वास्थ्य और धन जिनकी हमें परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के लिए जरूरत होती है, हमारे साथ जोड़ दी जाती है। परमेश्वर हमें उतना ही धन देगा जितना वह जानता है कि हमें बर्बाद नहीं करेगा। पुरानी वाचा में, परमेश्वर ने कुछ लोगों को अरबपति बना दिया होगा। लेकिन वह आज हमारे लिए ऐसा नहीं करेगा क्योंकि वह धन हमें फिर ऊपर स्वर्ग की वस्तुओं की खोज करने से रोक सकता है और इस तरह हमें बर्बाद कर सकता है।

इफिसियों 1:3 में “आत्मिक आशीष” शब्द का अनुवाद “पवित्र आत्मा की आशीष” के रूप में किया जा सकता है। परमेश्वर ने हमें पहले ही मसीह में पवित्र आत्मा की हर एक आशीष दे दी है। हमें सिर्फ यीशु के नाम में उनका दावा करना है। ऐसी कल्पना करे कि मार्ग के किनारे एक लड़की बैठी भीख मांग रही है। उस मार्ग से धनवान राजकुमार आता है और उस लड़की से विवाह करने का निर्णय करता है, और बैंक में खाता खोलकर उस लड़की के नाम पर करोड़ो रुपए जमा कर देता है। अब वह उस खाते में से जब और जितना चाहे उतना पैसा निकाल सकती है। वह कितनी सौभाग्यशाली है! एक समय उसके पास एक डिब्बे में कुछ सिक्को के अलावा कुछ नहीं था। लेकिन अब वह बेहतरीन कपड़ों के साथ शानदार अंदाज में रहती हैं। वह बैंक से किसी भी राशि को निकाल सकती है, क्योंकि उसके पास राजकुमार द्वारा हस्ताक्षरित कई खाली चेक हैं। आत्मिक रीति से देखा जाए, तो यह हमारा ही चित्रण है। अब हम स्वर्ग के बैंक में जाकर पवित्र आत्मा की हर एक आशीष पर हमारा अधिकार होने का दावा कर सकते है क्योंकि यीशु मसीह के नाम में वे सब हमारी है। यदि हम मसीह के साथ इस वैवाहिक संबध में बने रहेंगे और उससे यह कह सके “प्रभु मैं पृथ्वी पर अपने पूरे जीवन भर तेरी दुल्हन के रूप में तेरे प्रति सच्ची रहना चाहती हूँ”, तो मसीह में स्वर्ग का सबकुछ हमारा है। फिर पवित्र आत्मा की हर एक आशीष हमारी होगी। हम परमेश्वर को यह समझाने की कोशिश नहीं कर सकते कि हम इनमे से एक भी आशीष के लायक है – क्योंकि हम उनमे से एक के भी लायक नहीं है। क्या आपको ऐसा लगता है कि वह भिखारी लड़की यह कल्पना कर रही होगी कि जो धन उसे मुफ्त में मिल गया था, वह उसके लायक थी? वह ऐसी कल्पना कभी नहीं कर सकती। हम जो कुछ भी पाते है, वह परमेश्वर की दया और अनुग्रह द्वारा पाते है। हम स्वर्ग का सबकुछ ले सकते है, क्योंकि वह सब हमें मसीह में सेंतमेंत दिया गया है। हम अपने उपवास और प्रार्थना द्वारा उसे अर्जित नहीं कर सकते। बहुत से लोग पवित्र आत्मा की आशीषे ग्रहण नहीं कर पाते क्योंकि वे इन तरीको से उन्हें अर्जित करने की कोशिश करते है! हम उन्हें इस तरह नहीं पा सकते। हमें उन्हे सिर्फ मसीह की योग्यता के आधार पर ही स्वीकार करना है।