द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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यहूदियों ने इस तथ्य पर महिमा की, कि उनके पास दुनिया के बाकी हिस्सों के विपरीत परमेश्वर का वचन था। लेकिन वे उस वचन के अनुसार नहीं जीते थे; और जब यीशु - जिसके बारे में परमेश्वर के वचन में भविष्यद्वाणी की गई थी उनके बीच में आया, तब उन्होंने उसको अस्वीकार किया। यह हम में से उन लोगों के लिए संभव है जिन्होंने नई वाचा को भी इसी तरह से समझा है केवल गौरव करने के लिए और स्वयं को धोखा देते है।

निम्नलिखित रोमियों अध्याय 2 (लिविंग बाइबल से) का एक रूपांतरण है।

आप कह सकते हैं, "यह कितनी दु:खद बात है कि कितने सारे मसीहियों ने नई वाचा को नहीं समझा है जो हम इतने स्पष्ट रूप से समझ चुके हैं"।

लेकिन रुकें! अपने जीवन को ईमानदारी से परखें और देखें कि क्या यह उन अन्य मसीहियों के जीवन से बेहतर है जिन्होंने नई वाचा को नहीं समझा है। क्या आप शायद नई वाचा के सैद्धांतिक ज्ञान पर गर्व कर रहे हैं? या क्या आपने वास्तव में नई वाचा के जीवन में प्रवेश किया है?

हम जानते हैं कि परमेश्वर धर्मी है और उसके साथ कोई पक्षपात नहीं है। फिर, क्या आपको लगता है कि वह उन अन्य मसिहियों को दोषी ठहराएगा जो वे करते हैं उसके लिए, लेकिन आप भी जो वही काम कर रहे होते हैं उसे अनदेखा करेगा? - सिर्फ इसलिए क्योंकि आप "एक नई वाचा के मसीही" होने का दावा करते हैं?

परमेश्वर वास्तव में आपके साथ धीरज रखता है। वह आपको उसकी दृष्टि में आपकी वास्तविक स्थिति को देखने के लिए समय दे रहा है। आपके प्रति उसकी कृपा का मतलब है कि आप स्वयं का न्याय करें और मन फिराएँ।

लेकिन आप सोच रहे होंगे कि आपके साथ सब कुछ ठीक है, सिर्फ इसलिए क्योंकि आप न केवल नई वाचा को समझते हैं, बल्कि उसे दूसरों को समझा भी सकते हैं। फिर आप परमेश्वर के न्याय के और भी अधिक खतरे में हैं - क्योंकि आप उन सच्चाइयों के अनुसार नहीं जी रहे हैं जो आप दूसरों को सिखाने का दावा करते हैं।

वह दिन आ रहा है जब परमेश्वर सभी के गुप्त जीवन का न्याय करेगा - उनके गुप्त विचार, स्वभाव और इरादों का। वह फिर हर एक को उनके कामों के अनुसार प्रतिफल देगा - जो लोग धीरज से उसकी इच्छा पूरी करते थे और उसकी महिमा और आदर चाहते थे, उन्हें अनंत जीवन देगा। और वह उन लोगों को अस्वीकार कर देगा जिन्होंने केवल यह कहा था कि वे नई वाचा को जानते थे लेकिन स्वार्थ और आत्मिक घमंड और गुप्त पाप में चलते थे।

उस दिन में अनन्त दुःख होगा, नई वाचा के मसीहियों के लिए और साथ ही अन्य मसिहियों के लिए भी, यदि वे पाप करते रहे थे। लेकिन उन लोगों के लिए परमेश्वर की ओर से महिमा और आदर होगा, जिन्होंने उनकी आज्ञा मानी, चाहे वे स्वयं को "नई वाचा" के मसीही या किसी अन्य प्रकार के मसीही कहते हों। परमेश्वर के साथ कोई पक्षपात नहीं है।

सच तो यह है कि परमेश्वर पाप को दंड देगा जहां कहीं भी वो उसे पाएगा। वह गैर-मसिहियों को उनके पाप के लिए भी दंडित करेगा, क्योंकि भले ही उनके पास बाइबल नहीं है, परंतु उसने उन्हें एक विवेक दिया है जो उन्हें बताता है कि क्या सही है और क्या गलत। परमेश्वर के नियम उनके भीतर लिखे गए हैं और उनका विवेक या तो उन पर आरोप लगाता है या उन्हें छोड़ देता है।

परमेश्वर नई वाचा के मसीहियों को और भी अधिक दंड देगा यदि वे पाप करते हैं तो, क्योंकि वे दूसरों की तुलना में उसकी व्यवस्था बेहतर जानते थे, लेकिन उन्होंने उनका पालन नहीं किया। उद्धार उन लोगों को नहीं दिया जाता है जो केवल जानकारी रखते हैं कि क्या करना है, बल्कि उन लोगों को जो वास्तव में इसे करते हैं। और परमेश्वर उनसे अधिक अपेक्षा करता है जिन्हें उसने अधिक दिया है।

इसलिए आप "नई-वाचा के मसीहियों" को यह कल्पना नहीं करनी चाहिए कि आपके और परमेश्वर के बीच सबकुछ ठीक है क्योंकि आप उसकी सच्चाइयों को समझते हैं। आप यहाँ तक कल्पना भी कर सकते हैं कि आप परमेश्वर के खास मित्र हैं, क्योंकि आप जानते हैं कि वह क्या चाहता है; आप सही गलत जानते हैं और आपने उसकी नई वाचा की शर्तों को स्पष्ट रूप से समझा है। आप यह भी सोच रहे होंगे कि आप बीकन लाइट (एक उज्ज्वल प्रकाश जिसे दूर से देखा जा सकता है और जिसका उपयोग जहाज, हवाई जहाज आदि को दिशा देने में मदद करने के लिए किया जाता है) हैं जो सरल-मन को परमेश्वर की गहरी सच्चाइयों में मार्गदर्शन कर सकते हैं।

लेकिन पहले अपने आप को जाँचें। शायद आप दूसरों को चोरी न करने के लिए कहते हैं –परंतु क्या आपने जिस काम को नहीं किया, उसका श्रेय चुराया है? आप कहते हैं कि व्यभिचार करना गलत है - लेकिन क्या आप सुंदर लड़कियों की वासना करते हैं? आप कहते हैं, "मूर्तियों की पूजा न करें" - लेकिन क्या आप पैसो को अपना परमेश्वर बनाते हैं?

क्या आप परमेश्वर की नई वाचा को जानकर गर्व महसूस कर रहे हैं, लेकिन आपके जीने के तरीके से उसे अनादर करते हैं?

नई वाचा को जानना तभी सार्थक है जब आप उसके अनुसार जीते हैं। लेकिन अगर आप इसके अनुसार नहीं जीते हैं, तो आप किसी और से बेहतर नहीं हैं। और यदि वे अन्य मसीही (जिन्हें आप नीचा देखते हैं) परमेश्वर के नियमों का पालन करते हैं, तो परमेश्वर उन्हें प्रतिफल देगा भले ही उन्होने नई वाचा को न समझा हों। वे न्याय के दिन में आप से बेहतर होंगे, यदि आप परमेश्वर और उसकी प्रतिज्ञाओं के बारे में बहुत कुछ जानते थे, लेकिन उसके अनुसार नहीं जीते थे।

आप एक नई वाचा के मसीही नहीं हैं सिर्फ इसलिए क्योंकि आप एक नई वाचा की कलीसिया से संबंधित हैं या इसलिए कि आप उसके सत्यों को समझते हैं। नहीं। एक नई वाचा का सच्चा मसीही वह है जिसका हृदय हमेशा परमेश्वर के साथ सही होता है, क्योंकि वह स्वयं का न्याय करता है और इसलिए हर दिन जयवंत जीवन जीता है। परमेश्वर उन लोगों की तलाश नहीं कर रहा है जिनके पास अपने सिद्धांत सही हैं, लेकिन उन लोगों की, जिन्होंने अपने हृदय और मन को पवित्र आत्मा द्वारा वास्तव में यीशु के पदचिन्हों पर चलने के लिए दैनिक रूप से बदलने की अनुमति दी है। केवल वह लोग जिनके जीवन में इस तरह का परिवर्तन हैं, अंतिम दिन में परमेश्वर से प्रशंसा प्राप्त करेंगे।

यदि किसी के सुनने के कान हो, तो वह सुन ले।