द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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इब्रानियों 3:7,8 में, हमें यह चेतावनी दी गई है "अगर आज तुम उसकी आवाज सुनो तो अपने ह्रदय कठोर न करना।" और फिर इब्रानियों 3:12 में, "है भाइयों, सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुम में से किसी का मन दुष्ट और अविश्वासी हो जाए।" लेखक स्वर्गीय बुलाहट में सहभागी हुए पवित्र भाइयों को चेतावनी दे रहा है कि वे डरे, कि कहीं ऐसा न हो कि उनके ह्रदय ऐसे दुष्ट और अविश्वासी हो जाए कि वे यह विश्वास करने वाले न रहें कि यीशु बिल्कुल उनके जैसा बन कर आया था। केवल जब आप हारी हुई अपनी जिंदगी से तंग आ जाएंगे, तब परमेश्वर आपको यह प्रकाशन देगा कि यीशु बिल्कुल आप की तरह बन कर आया था जिससे कि वह आपके लिए एक आदर्श उदाहरण बन सके। एक समय मैं पूरी तरह से हारा हुआ मसीही था। लेकिन मैं अपनी हारी हुई जिंदगी से परेशान और थका हुआ था। मैं दिन-रात परमेश्वर को यह कहते हुए पुकारता था, "प्रभु, मैं नहीं जानता इसका क्या उपाय है। मैं एक प्रचारक हूँ लेकिन मेरे भीतरी जीवन में मैं पाप से हारा हुआ हूँ। मैं अपने विचारों में, अपने शब्दों में, और अपने पारिवारिक जीवन में हारा हुआ हूँ। मेरा नया जन्म हो चुका है, मेरा पानी में बपतिस्मा हुआ है। लेकिन मैं हारा हुआ हूँ। प्रभु मुझे जो जानने की जरूरत है वो मुझे दिखा।" फिर प्रभु ने मुझे ईश्वरीय जीवन का भेद दिखाया - मसीह देह में आया, और बिल्कुल मेरी ही तरह परखा गया, और फिर भी उसने एक पवित्र जीवन बिताया। मैंने इस सत्य पर पूरे ह्रदय से विश्वास किया - और उसने मेरा जीवन बदल दिया। हमें यहाँ चेतावनी दी गई है कि अगर हममें एक अविश्वासी ह्रदय होगा तो वह हमें परमेश्वर से दूर हटा ले जाएगा (इब्रानियों 3:12)

लेकिन दूर हटा ले जाने के बजाए, अगला वचन हमें एक और विकल्प देता है, "जब तक आज का दिन कहलाता है, तुम दिन-प्रतिदिन एक दूसरे को प्रोत्साहित करते रहो" (इब्रानियों 3:13)। हम नहीं जानते कि कल क्या होने वाला है। इसलिए हम आज कुछ कर ले। आज हम किसी को प्रोत्साहित करे। इस अध्याय के संदर्भ में किसी को इस बात पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित करना है कि यीशु हमारे जैसा बन गया था।

हमारी बुलाहट, प्रतिदिन, यीशु को ऊंचा उठाने की है। हमारा चाल-चलन और हमारे शब्द हमेशा यह कहने वाले हो, "यीशु की ओर देखो। वह कितना अद्भुत मुक्तिदाता है! उसने न सिर्फ मेरे पाप क्षमा किए, बल्कि मेरा जीवन बदल दिया। उसने मेरा पारिवारिक जीवन बदल दिया, उसने मुझे प्रभु के आनंद से भर दिया कि मैं सदा आनंदित रह सकता हूँ। उसने मृत्यु के भय को मुझसे दूर कर दिया है। यीशु पर ध्यान दें।" हमारा जीवन प्रतिदिन दूसरों के लिए एक चुनौती और प्रोत्साहनजनक बात हो। जब लोग आपके मुख को देखें तो उन्हें उसमें परमेश्वर की महिमा का अंश नजर आना चाहिए।

इब्रानियों 3:13 हमें चेतावनी देता है कि हमें पीछे फिसलने में सिर्फ 24 घंटे लगते हैं। इस वजह से हमें प्रतिदिन एक दूसरे को उपदेश देने और प्रोत्साहित करने की जरूरत है। मसीह की देह में हमारी एक दूसरे के प्रति एक जिम्मेदारी है। कैन ने कहा, "मैं अपने भाई का रखवाला नहीं हूँ।" लेकिन मसीह की देह में, हम अपने भाई के रखवाले हैं, हम अपनी बहन के रखवाले हैं। अगर आप किसी को फिसलता हुआ देखें तो उसे प्रोत्साहित करें। अगर आप किसी को गिरता हुआ देखे तो उसे उठाएं।

अगर आप को प्रोत्साहित करने और उपदेश देने वाला कोई नहीं है तो आपके पास पवित्र आत्मा और बाइबिल है। मेरे जीवन में ऐसे बहुत से दिन हुए हैं जिनमें प्रेरित पौलुस ने व्यक्तिगत रूप से मुझे बाइबिल में से अपने शब्दों द्वारा सिखाया और उत्साहित किया है। पतरस याकूब और यूहन्ना ने भी मुझे उपदेश और प्रोत्साहन दिया है। बहुत बार जब मुझे प्रोत्साहित करने के लिए मेरे पास भाई नहीं होते थे तब बाइबल के पन्नों में से यह प्रेरित आकर मुझे उत्साहित करते थे। क्या यह एक अद्भुत बात नहीं है कि हम सभी प्रतिदिन हमारे घरों में ही हमें प्रोत्साहित करने के लिए पतरस, पौलुस और यूहन्ना को पा सकते हैं? आप उन्हें आपको प्रोत्साहित क्यों नहीं करने देते? आप उन्हें बाइबल में ही क्यों बंद किए रखना चाहते हैं?

जो पुस्तके बाइबल के बारे में बताती है, उनसे ज्यादा आपको बाइबल पढ़ने की जरुरत है। मैं यह नहीं जानना चाहता की बाइबिल के बड़े ज्ञानी, पतरस, पौलुस और यूहन्ना के लेखनों के बारे में क्या कहना चाहते हैं। मैं सीधे तौर पर उनकी बात उनसे ही सुनना चाहता हूँ। इसलिए मैं सीधी बाइबल ही पढ़ता हूँ - वह पुस्तकें नहीं जो बाइबल के बारे में बताती है।