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परमेश्वर ने यह प्रतिज्ञा की है कि वह हमारे शत्रुओं का शत्रु होगा (निर्ग. 23:22)। पुरानी वाचा में, इस्राएल के सभी शत्रु मानवीय थे। आज सिर्फ शैतान (व उसकी दुष्टात्माएं) और हमारे शरीर में मौजूद लालसाएं ही हमारे शत्रु हैं। हमारा युद्ध माँस और लहू से नहीं है (इफि. 6:12)। जब आप यह फैसला कर लेंगे कि आप कभी मनुष्यों से नहीं लड़ेंगे, सिर्फ तभी परमेश्वर आपकी तरफ से लड़ेगा। यह बात हमेशा याद रखें कि शैतान के ख़िलाफ परमेश्वर हमेशा हमारी तरफ रहता है।

शैतान को पतरस को इसलिए फटकने की अनुमति दी गई थी क्योंकि परमेश्वर को पतरस में भरोसा था और उसने उसके लिए एक ज़बरदस्त सेवकाई रखी हुई थी। लेकिन यीशु ने उसके लिए प्रार्थना की थी कि जब उसे फटका जाए, तो उसका विश्वास न खो जाए। यह जानना एक बड़ी तसल्ली की बात होती है कि जब शैतान आपको फटकता है, तो यीशु आपके लिए प्रार्थना करता है।

जब एक घर में आग लगी होती है, तो लोग उस घर में सबसे मूल्यवान वस्तुओं को बचाना चाहते हैं। अगर उस घर में एक छोटा बच्चा है तो माता-पिता उसे बचाना चाहेंगे, पुराने अख़बारों को नहीं। वैसे ही, यीशु ने यह प्रार्थना की थी जब पतरस आग में से गुज़रे, तो उसका विश्वास बच जाए। वह सबसे मूल्यवान वस्तु थी। बाकी सब कुछ पुराने अख़बारों जैसा ही था - बिलकुल व्यर्थ।

जब शैतान आपको फटके तो ऐसा कभी न हो कि आपका विश्वास नाकाम हो जाए। अगर आप में विश्वास होगा, तब सबसे कठोर परीक्षाओं के बीच में भी, आप यह अंगीकार कर सकेंगे, “मेरा स्वर्गीय पिता मुझसे बहुत प्रेम करता है और वह स्वर्ग और पृथ्वी में राज्य करता है। यीशु मसीह ने शैतान को सूली पर हरा दिया है। शैतान झूठा है और उसका मुझ पर कोई अधिकार नहीं है। परमेश्वर सारी बातों को मिलाकर मेरे लिए भलाई पैदा कर रहा है।" यह एक ऐसे व्यक्ति का अंगीकार होगा जिसका विश्वास नाकाम नहीं हुआ है। यीशु ने पतरस से कहा था कि उसके फटके जाने के बाद जब वह मन फिराएगा, तब वह उसके भाइयों को दृढ़ करेगा (लूका 22:31, 32)। अगर परखे जाने के समय हमारा विश्वास नाकाम हो जाता है, तो हम दूसरों को दृढ़ नहीं कर सकते ।

यीशु पतरस के साथ मिलकर इसलिए इतना कुछ कर सका था क्योंकि उसने ‘शैतान' कहे जाने पर भी बुरा नहीं माना था (मत्ती 16:23)। लेकिन यीशु ने यहूदा इस्करियोती के लिए कभी प्रार्थना नहीं की क्योंकि यहूदा को बैतनिय्याह में यीशु द्वारा दी गई एक मामूली झिड़की का भी बहुत बुरा लग गया था (यूहन्ना 12:4-8 के साथ मत्ती 26:8-15 )।

जब प्रभु आपको ताड़ना दे, तो कभी बुरा न मानें। आप में से हरेक के द्वारा परमेश्वर का एक महान् उद्देश्य पूरा होना है। वह उद्देश्य जितना ज़्यादा बड़ा होता है, परमेश्वर शैतान को हमें उतना ही ज़ोर से फटकने देता है। लेकिन आप हरेक परीक्षा में जयवंत से भी बढ़कर निकलेंगे।