द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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यीशु के बारे में यह लिखा है कि वह अपने पिता को हमेशा अपने सम्मुख रखता था और इसलिए उसका हृदय सदा आनंदित रहता था। उसमें “आनंद की भरपुरी” थी और पिता हमेशा यीशु को संभाले रहने के लिए उसके दाहिने हाथ पर रहता था (प्रेरितों के काम 2:25,26 जो भजन संहिता 16:10,11 का उल्लेख है)। इसलिए प्रभु को हर समय अपने सम्मुख रखें और तब आनंद की भरपुरी लगातार आपका भाग होगा और प्रभु आपके दाहिने हाथ पर रहते हुए हमेशा आपकी सहायता करेगा। इसलिए लोगों या हालातों को कभी आपके और प्रभु के बीच में न आने दें।

“धन्य हैं वे जिनके हृदय शुद्ध है क्योंकि वे परमेश्वर को देखेंगे” (मत्ती 5:8) - और वे हर एक परिस्थिति में सिर्फ़ परमेश्वर को ही देखेंगे, लोगों और हालातों को नहीं। जब आप यीशु की सुंदरता के द्वारा जकड़े जाते हैं, तब प्रलोभनों का आकर्षण कमज़ोर होता जाता है। और जब आप लोगों और परिस्थितियों को प्रभु के माध्यम से देखते हैं, तो आप इस आश्वासन के साथ "विश्राम" में रहेंगे कि परमेश्वर उन सभी परिस्थितियों में और उन सभी लोगों के द्वारा आपकी भलाई के लिए सर्वोत्तम काम करेगा (रोमियों 8:28)। आपको सभी हालातों में विश्राम में रहने की आदत को विकसित करना होगा – दैनिक जीवन के छोटे परीक्षणों में से जिनसे आप अभी गुजरते है, ताकि आप भविष्य में आने वाली बड़ी परीक्षाओं पर जय पा सके।

कभी किसी मनुष्य को या किसी मनुष्य के लेखन को अपनी मूर्ति न बनाए। जो वास्तव में सच्चे ईश्वरीय मनुष्य और सच्ची आत्मिक पुस्तकें होंगी, वे हमेशा आपको यीशु (जीवित वचन) और बाइबल (लिखित वचन) की तरफ़ लक्षित करेंगी। सिर्फ़ ऐसे मनुष्यों का ही अनुसरण करें और केवल ऐसी पुस्तके ही पढ़े।

परमेश्वर की सामर्थ्य का सबसे बड़ा प्रदर्शन सृष्टि में नहीं बल्कि प्रभु यीशु की मृत्यु और उसके पुनरुत्थान में था, जब शैतान को हराया गया था (इफिसियों 1:19,20)। यीशु का क्रूस पर चढ़ाया जाना मानवीय इतिहास में हुई सबसे बड़ी बुराई थी। और पृथ्वी पर होने वाली वही सबसे बड़ी अच्छाई भी थी। यदि परमेश्वर इतिहास की सबसे बुरी घटना को सबसे बड़ी अच्छाई में बदलने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली है, तो आप निश्चित हो सकते हैं कि वह आपके जीवन में होने वाली हर बात को आपके लिए महिमामय बना देगा (रोमियों 8:28)

परमेश्वर कोई हंगामा, दिखावा या तुरहियों की ज़ोरदार आवाज़ किए बिना एक अदृश्य रूप में काम करना चाहता है। परिणामस्वरूप, आप कई बार कल्पना कर सकते हैं कि कुछ चीजें संयोग या आकस्मिक रूप में हुई, जब वास्तव में वे प्रार्थना के विशिष्ट उत्तर थे - आपकी अपनी प्रार्थनाओं और उन लोगों की प्रार्थनाओं का उत्तर जो आपके लिए प्रार्थना कर रहे थे। “वह ऐसा परमेश्वर है जो अपने काम करने के तरीक़ों में अपने आप को गुप्त रखता है” (यशायाह 45:15)“उसके मार्गों को समझना तुम्हारे लिए बहुत ही असंभव है” (रोमियों 11:33, लिविंग बाइबल)

अपना सर्वश्रेष्ठ करें, और बाक़ी परमेश्वर के हाथ में छोड़ दें। आपको चिंतित करनेवाली हर एक बात में परमेश्वर प्रभुसत्ता रखता है। यहाँ तक की प्रभु आपकी गलतियों और नाकामियों को भी आत्मिक लाभ में बदल देगा। यह वह परमेश्वर है जिसकी हम आराधना करते हैं, जो इस पृथ्वी की सारी बातों पर राज़ करता है। इसलिए आपसे जो भी गलतियाँ हो गई है, आपको उन पर पछताते हुए अपना जीवन बिताने की ज़रूरत नहीं है। ऐसे पछतावे द्वारा शैतान को आपका आनंद चुराने की अनुमति न दे। परमेश्वर ऐसा सर्वशक्तिशाली है कि वह हमारी गलतियों को भी उसकी महिमा और हमारी भलाई में बदल देता है। केवल एक ही चीज़ जिससे आपको दुखी होने की आवश्यकता है, वह है घमंड और ऐसे पाप जिनका आपने अभी तक अंगीकार नहीं किया है। लेकिन शैतान आपको आपकी पिछली ग़लतियों को याद दिलाता रहेगा कि वह आपको निराश करने द्वारा गिरा दे। परंतु यदि आप अपनी पिछली नाकामियों की वजह से निराश होते रहेंगे, तो शैतान के लिए आपको बार-बार गिराते रहना आसान हो जाएगा।

जब लहरों में हलचल मची हो, तब यह महत्वपूर्ण है कि आपकी नज़र यीशु पर टिकी रहे, और न की उन लहरों पर जो आपके आस-पास है जैसा पतरस ने किया था (मत्ती 14:30)। आपके काम करने की जगह में या आपके आस पास तूफ़ान हो सकता है। लेकिन अगर आप अपनी नज़रें सिर्फ़ यीशु पर लगाए रहेंगे, तब आप तूफ़ानी लहरों पर भी जय पाते हुए चलते रहेंगे।