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अगर सैनिक अपने देश को स्वतंत्र और मुक्त बनाए रखने के लिए इतना ज़्यादा बलिदान कर सकते हैं, तो हमें अपना सब कुछ (अपना जीवन भी) बलिदान कर देने के लिए और भी कितना ज़्यादा तैयार रहना चाहिए कि हमारे जीवनों के द्वारा हर तरह से प्रभु सम्मानित हो और शैतान लज्जित हो।

मैं आशा करता हूँ कि आपके कामों में आपको अलौकिक रूप में परमेश्वर की कृपा मिल रही होगी। आप परमेश्वर से कह सकते हैं कि वह आपकी पढ़ाई और काम में आपको नए-नए विचार दे। परमेश्वर आपकी मदद करेगा। विश्वास से माँगें, और यह देखें कि वह आपके लिए कैसे चमत्कार कर सकता है। जब हम ऐसे हालातों में उसे सच्चा साबित करते हैं, तब हमारा विश्वास दृढ़ होता है। हर समय परमेश्वर का आदर करें। जो उसका आदर करते हैं, वे उनके जीवन के हरेक क्षेत्र में हमेशा सर्वश्रेष्ठ पाते हैं। जब से मेरा नया जन्म हुआ है, मैं तब से यह प्रमाणित करता आ रहा हूँ, और इस हद तक कि मैं यह चाहता हूँ कि मैं इस पूरे संसार में जाकर सबको ये बातें बता सकूँ:

• हरेक क्षेत्र में परमेश्वर का आदर करें
• हर समय अपनी दिचस्पियों में परमेश्वर को पहला स्थान दें
• हर समय अपने विवेक को शुद्ध रखें
सिर्फ तभी आप एक उपयोगी जीवन बिता सकेंगे

इस संसार में सबसे बड़े मूर्ख वे हैं जो इन बातों को महत्व नहीं देते जो ये सोचते हैं कि उनकी योग्यताओं और पार्थिव उपलब्धियों से एक उपयोगी जीवन जी सकते हैं। अंत में, इनमें से कोई बात किसी को संतुष्ट नहीं कर सकती।

यूहन्ना 15 एक अद्भुत अध्याय है। परमेश्वर में बने रहना पूर्ण विश्राम का चित्र है (जैसे एक लता में डाली बनी रहती है) जिसमें कोई चिंता या तनाव नहीं होता है - जो ऐसे विश्वास का परिणाम होता है कि परमेश्वर हमारे जीवन की हरेक बात की देखभाल करता है। कड़ी मेहनत और सख़्त काम तो होगा, लेकिन कोई चिंता या तनाव न होगा। पेड़ में से डाली को लगातार मिलने वाला पोषण लगातार पवित्र आत्मा से भरे जाने की ज़रूरत को दर्शाता है।

दो बातों के लिए प्रभु कि खोजते रहें:

1. कि परमेश्वर उसके वचन से आपको यह दिखाए कि उसका आपको न्यायोचित / निर्दोष ठहराना कितनी शक्तिशाली बात है कि वह असल में आपको ऐसे देखता है मानो आपने आज के दिन तक कोई पाप ही न किया हो।
2. कि आप मनुष्यों के मत से पूरी तरह मुक्त हो जाएं।

हमें यह अहसास नहीं होता कि हम इस बात के कितने गुलाम होते हैं कि मनुष्य हमारे बारे में क्या सोचते हैं। अगर आप इन दो बातों के सत्य को ग्रहण कर लेंगे, तो आप प्रभु के हाथों में एक प्रभावशाली पात्र बन सकते हैं। जब हम अपनी पिछली नाकामियों की यादों में लोटने लगते हैं, तो शैतान अक्सर आकर हमें यह सोचने वाला बनाने की कोशिश करता है कि हम नम्र व दीन हैं। लेकिन हमें अपनी पिछली नाकामियों के बारे में सिर्फ तभी सोचना चाहिए जब हम किसी के साथ कठोर होने की परीक्षा में पड़ने वाले हों (2 पत. 1:9) इसके अलावा नहीं।

अगर आप इन दोनों मुद्दों पर स्पष्ट हो जाएंगे, तो आपका जीवन एक रॉकेट की तरह आगे बढ़ेगा, और आपको कुछ भी नीचे रोक कर न रख पाएगा। इन मामलों का तार्किक या बौद्धिक रूप में हल करने की कोशिश न करें। सिर्फ परमेश्वर के वचन पर विश्वास करें और उसमें भरोसा रखें।

आत्म-दोष और निराशा हमेशा शैतान की तरफ से होते हैं। आपको कभी भूतकाल में नहीं रहना चाहिए। अपनी पिछली नाकामियों के बारे में सोचना बंद कर दें - और अपनी पिछली कामयाबियों के बारे में भी। और जब आप गिरें, तो कूद कर फौरन खड़े हो जाएं और दौड़ना शुरू कर दें। और कभी हार न मानें।