द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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इस पृथ्वी पर हुए सबसे बड़े युद्ध के बारे में संसार की किसी भी इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा गया है। यह युद्ध उस क्रूस पर हुआ जब यीशु ने इस संसार के अधिकारी शैतान को अपनी मृत्यु के द्वारा पराजित किया था।

एक वचन जिसे आपको अपने जीवन में कभी नहीं भूलना चाहिए, वह इब्रानियों 2:14,15 है। मुझे यक़ीन है कि शैतान यह नहीं चाहेगा कि आपको इस वचन की जानकारी हो। कोई भी अपनी हार या नाकामी के बारे में सुनना नहीं चाहता और शैतान भी इसमें अपवाद नहीं है। यह वचन “अतः जिस प्रकार बच्चे माँस और लहू में सहभागी है, तो वह आप भी उनमें सहभागी हो गया, कि मृत्यु के द्वारा (जो कलवरी क्रूस पर हुई है) उसको जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली है, अर्थात् शैतान को शक्तिहीन कर दे, और उन्हें छुड़ा ले जो मृत्यु के भय से जीवन-भर दासत्व में पड़े थे”। जब यीशु मरा तो उसने शैतान को शक्तिहीन कर दिया। क्यों? इसलिए कि फिर हम हमेशा के लिए शैतान से और भय के उस दासत्व से मुक्त हो जाएं जो उसने हम पर जीवन-भर के लिए लाद दिया था। संसार के लोगों में बहुत तरह के डर होते है – बीमारी का डर, ग़रीबी का डर, असफलता का डर, लोगों का डर, भविष्य का डर आदि। लेकिन सबसे बड़ा डर मौत का डर होता है। बाक़ी सारे डर मौत के डर से कम होते है। मौत का डर फिर यह डर पैदा करता है कि मरने के बाद क्या होगा। बाइबल यह स्पष्ट रूप से सिखाती है कि वे जो पाप में जीवन बिताते है, वे अंततः नर्क में जाएंगे – वह जगह जो परमेश्वर ने उनके लिए तैयार कर रखी है जो मन नहीं फिराते। शैतान भी उन लोगों के साथ, जिन्हें उसने पृथ्वी पर भरमाया है और जिनसे पाप कराया है, अनंत आग की झील में बिताएगा। यीशु इस पृथ्वी पर हमारे पापों के दंड को स्वयं पर लेने द्वारा हमें उस अनंत नर्क से बचाने के लिए आया। उसने हमारे ऊपर से शैतान की शक्ति का भी नाश कर दिया कि अब वह हमें हानि नहीं पहुँचा सकता।

मैं चाहता हूँ कि आप सभी इस एक सत्य को अपने पूरे जीवन भर याद रखें: शैतान के विरोध में परमेश्वर हमेशा आपकी ओर है। यह ऐसा महिमा से भरा सत्य है जिसने मुझे इतना उत्साह, सांत्वना और जय दी है कि मेरी यह इच्छा होती है कि मैं पूरे जगत में जाकर हरेक विश्वासी को इसके बारे में बता सकूँ। बाइबल कहती है “परमेश्वर के अधीन हो जाओ और शैतान का सामना करो और वह तुम्हारे सामने से भाग जाएगा” (याकूब 4:7)। यीशु का नाम वह नाम है जिससे शैतान हमेशा भाग जाएगा। ज़्यादातर मसीहियों के मन में शैतान का ऐसा चित्र होता है कि शैतान उनका पीछा कर रहा है और वे अपनी जान बचाकर भाग रहे हैं। लेकिन यह उससे बिलकुल विपरीत बात है जो बाइबल हमें सिखाती है। आप क्या सोचते हैं? क्या शैतान यीशु से भयभीत था या नहीं? हम सभी जानते हैं कि शैतान हमारे उद्धारकर्ता के सामने खड़ा होने से डरता था। यीशु इस जगत की ज्योति है, और अंधकार के शासक को उसके सामने से भागना ही था।

मैं आप युवा लोगों को यह बताना चाहता हूँ कि आपके जीवन में आप जब कभी मुश्किल में हों, या किसी बहुत बड़ी समस्या का सामना कर रहे हो, किसी ऐसी बात का सामना कर रहे हो जिसका कोई मानवीय हल नज़र न आ रहा हो तो प्रभु यीशु के नाम को पुकारे। उससे कहे, “प्रभु यीशु, शैतान के ख़िलाफ़ तू मेरी ओर है। मेरी मदद कर”। और फिर शैतान की ओर फिर कर कहें, “हे शैतान, यीशु के नाम से मैं तुझे धिक्कारता हूँ”। मैं आपको बताना चाहता हूँ कि शैतान आपके पास से तुरंत भाग जाएगा क्योंकि यीशु ने उसे क्रूस पर हरा दिया। जब आप परमेश्वर की ज्योति में चलते हैं और यीशु के नाम में उसका सामना करते हैं, तब शैतान आपके सामने शक्तिहीन हो जाता है।

यह स्पष्ट है कि शैतान यह नहीं चाहता है कि आपको उसकी हार के बारे में मालूम हो, और यही वजह है कि उसने अब तक आपको एक लंबे समय से इसके बारे में जानने से रोक रखा है। और यही वजह है कि उसने बहुत से प्रचारकों को भी उसकी हार के बारे में प्रचार करने से रोक रखा है।

मैं चाहता हूँ कि आप सभी एक बार और हमेशा के लिए यह जान लें कि शैतान क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह द्वारा हराया जा चुका है। अब आप को शैतान से डरने की ज़रूरत नहीं है। वह आपको नहीं सता सकता। वह आपको कोई हानि नहीं पहुँचा सकता। वह आपको प्रलोभित कर सकता है। वह आप पर हमला कर सकता है। लेकिन अगर आप अपने आपको दीन करें, और परमेश्वर के अधीन हो जाए और हर समय ज्योति में चले, तो प्रभु यीशु मसीह में परमेश्वर का अनुग्रह आपको हमेशा उस पर जयवंत करेगा। ज्योति में ज़बरदस्त शक्ति होती है। शैतान, जो अंधकार का शासक है, कभी ज्योति के परिमंडल में प्रवेश नहीं कर सकता। अगर शैतान बहुत से विश्वासियों के ऊपर प्रबल है उसका कारण यही है कि वे अंधकार में चलते हैं, गुप्त पापों में जीवन बिताते हैं, दूसरों को क्षमा नहीं करते, या दूसरों से ईर्ष्या करते हैं, या फिर अपने जीवन में अपने स्वार्थी उद्देश्य को पूरा करने की खोज में है आदि। तब शैतान को उन पर शक्ति प्राप्त हो जाती है। वर्ना वह उन्हें छू भी नहीं सकता।

हमें प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में बताया गया है कि एक दिन यीशु वापस आएगा और शैतान को अथाह कुंड में डालेगा, और फिर यीशु इस पृथ्वी पर एक हजार वर्षों तक राज्य करेगा। उस अवधि के बाद, शैतान को सभी को दिखाने के लिए थोड़ी देर के लिए रिहा किया जाएगा कि वह अपने लंबे कारावास के बाद भी नहीं बदला है। वह तब बाहर जाएगा और पृथ्वी पर लोगों को एक आखिरी बार भरमाएगा। और फिर यह देखा जाएगा कि आदम की नस्ल भी नहीं बदली है, भले ही प्रभु यीशु के तहत शांति के हजार वर्ष के शासन का निरीक्षण करने के बाद भी। तब परमेश्वर शैतान का न्याय करेगा और उसे अनंत काल के लिए आग की झील में डाल देगा। और वे सभी जो पाप में जीवन बिताते थे, जिन्होंने शैतान के आगे घुटने टेके थे, और जिन्होंने परमेश्वर के वचन का पालन करने के बजाय शैतान की आज्ञा का पालन किया, वे भी अग्नि की उस झील में शैतान के साथ शामिल हो जाएंगे।

इसलिए हम शैतान की हार के इस सुसमाचार का प्रचार करते हैं। यह शायद सबसे महत्वपूर्ण सत्य है जिसे विश्वासियों को इस समय सुनने की जरूरत है। लेकिन याद रखिए, अगर आप पवित्रता में नहीं चल रहे है, तो आपको शैतान के ऊपर शक्ति प्राप्त नहीं होगी।