द्वारा लिखित :   जैक पूनन श्रेणियाँ :   जवानी घर कलीसिया चेले
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हम पढ़ते हैं कि उसकी किशोरावस्था से ही यीशु बुद्धि में बढ़ा (लूका 2:40,52)। हालांकि हम यह जानते हैं कि जवान होने की वजह से युवा लोग मूर्खता के काम करते हैं, फिर भी यीशु ने अपनी युवावस्था में कभी कोई मूर्खता का काम नहीं किया। इसलिए यीशु को अपना आदर्श बनाएं, और तब आप अपनी युवावस्था में बहुत से मूर्खतापूर्ण काम करने से बच जाएंगे।

प्रभु का भय बुद्धि का आरम्भ है। यीशु ने आत्मिक मृत्यु से बचने के लिए मदद पाने की प्रार्थना की थी, और "उसके ईश्वरीय भय के कारण उसकी सुनी गई" (इब्रानियों 5:7)। परमेश्वर हमसे वैसा ही प्रेम करता है जैसा उसने यीशु से किया था। इसलिए अगर आप भी परमेश्वर का भय मानेंगे, तो यीशु की तरह आपकी प्रार्थना भी सुनी जाएगी।

जब अब्राहम अपने एकलौते पुत्र का बलिदान चढ़ाने के लिए तैयार हो गया, तब परमेश्वर ने (उत्पत्ति 22:12 में) अब्राहम को यह कहते हुए एक प्रमाण-पत्र दिया, “अब मैं जान गया हूँ कि तू परमेश्वर का भय मानता है"। पहाड़ की उस चोटी पर अब्राहम ने उस दिन स्वयं परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया था। अब्राहम चाहता था कि उसकी आज्ञापालन को सिर्फ परमेश्वर ही देखे। एक रात जब अब्राहम अकेला था, तब परमेश्वर ने उससे बात की थी (उत्पत्ति 22:1)। परमेश्वर ने उससे क्या कहा था, यह कोई नहीं जानता था। और अब्राहम ने गुप्त में ही परमेश्वर का आज्ञापालन किया था। जो कुछ आप गुप्त में करते हैं (जब कोई नहीं जानता कि आप क्या कर रहे हैं), तब आप जान लेंगे कि आप परमेश्वर का भय मानते हैं या नहीं।

परमेश्वर ने शैतान के सामने अय्यूब को एक प्रमाण-पत्र दिया (अय्यूब1:8) कि अय्यूब परमेश्वर का भय मानता था। यह कितनी अच्छी बात होगी अगर परमेश्वर आपके लिए भी शैतान को ऐसे गौरवपूर्ण शब्द बोल सके - क्योंकि शैतान आज भी पृथ्वी पर इधर-उधर घूमता फिरता है, और हरेक के निजी जीवन के बारे में सब कुछ जानता है।अय्यूब ने अपनी आँखों के साथ यह वाचा बाँधी थी कि वह कभी किसी स्त्री की तरफ कामुक दृष्टि से नहीं देखेगा (अय्यूब 31:1)। यह एक अद्भुत बात है कि व्यवस्था के दिए जाने और नई वाचा के स्थापित होने से भी पहले ऐसा एक व्यक्ति हुआ जिसने बिना बाइबल, बिना पवित्र आत्मा, और दूसरे भाइयों द्वारा प्रोत्साहित किए जाने या चुनौती दिए जाने बिना ही ऐसा फैसला किया था! अय्यूब न्याय के दिन जाग उठेगा और इस पीढ़ी को उसकी कामुकता और पाप के लिए दोषी ठहराएगा।

यूसुफ आपके अनुसरण करने के लिए एक और महान उदाहरण है। वह एक ऐसा युवक था जो अपने माता-पिता से दूर रह रहा था। और जब वह एक पापी स्त्री के द्वारा प्रति दिन परीक्षा में पड़ा, तो उसने उसका लगातार विरोध किया, और उसके पास से भाग गया, क्योंकि वह परमेश्वर का भय मानता था (उत्पत्ति 39:9)

अय्यूब और युसुफ के उदाहरण यह दर्शाते हैं कि सिर्फ परमेश्वर का भय ही हमें यौन वासना और व्यभिचार के इस भयानक पाप से दूर रखने के लिए पर्याप्त है। परमेश्वर का भय बुद्धि की वर्णमाला (क.ख.ग.) है।

अगर तू "अपने ऊपर ध्यान दे, तो सभी तेरी उन्नति को स्पष्ट देख सकेंगे" (1 तीमुथियुस 4:15,16)