परमेश्वर हर जगह कम-से-कम एक ऐसे पुरुष को ढूँढता है जो उसके। लिए खड़ा होने को तैयार हो (जैसा कि हम यहेजकेल 22:30 में पढ़ते हैं। एक समय में उसे एक हनोक मिला था, फिर एक दूसरे समय में एक नूह मिला, फिर एक अब्राहम, और बाद में एक एलिय्याह, और एक यूहन्ना बपतिस्मा, आदि।
बेबीलोन में उसे एक दानिय्येल मिला था। हालांकि बाइबल दानिय्येल के तीन और मित्रों हनन्याह, मिशाएल और अज़र्याह का उल्लेख करती है (जिनके नाम बाद में बदलकर शद्रक, मेशक और अबेदनगो रख दिए गए थे - दानिय्येल 1: 7 ), फिर भी दानिय्येल 1:8 कहता है कि सिर्फ "दानिय्येल ने ही उसके मन में निश्चय किया कि वह अपने आपको अशुद्ध नहीं करेगा।" इसके बाद ही उन तीनों में खड़े होने का साहस पैदा हुआ था। जगत के अनेक स्थानों में ऐसे अनेक हनन्याह, मिशाएल और अज़र्याह हैं जिनमें प्रभु के लिए अपने आप खड़े होने का साहस नहीं है, लेकिन जब उनके बीच में एक दानिय्येल खड़ा हो जाता है, तो वे भी प्रभु के लिए खड़े हो जाते हैं। इसलिए आप जहाँ भी हों, वहाँ प्रभु के लिए एक "दानिय्येल " होने के दृढ़ निश्चय करें।
हम दूसरी तरफ भी कुछ ऐसा ही लेकिन दुष्टता - भरा होता हुआ देखते हैं। आरम्भ में स्वर्ग में कुछ ऐसे स्वर्गदूत थे जिनमें शायद किसी-न-किसी बात के लिए एक असंतोष पनप रहा था। लेकिन उनमें तब तक विद्रोह करने का साहस नहीं था जब तक उनके बीच में एक लूसीफर खड़ा नहीं हुआ था। जब लूसीफर ने (जो स्वर्गदूतों का मुखिया था) अपना विद्रोह प्रकट किया, तो तुरन्त ही एक-तिहाई स्वर्गदूत उसके साथ मिल गए (प्रकाशितवाक्य 12:4)। परमेश्वर ने लूसीफर साथ उन करोड़ों स्वर्गदूतों को भी स्वर्ग से निकाल दिया, और आज वे मनुष्यों में वास करके उन्हें अपने वश में कर लेने वाली दुष्टात्माएं हैं। परमेश्वर के यहाँ यह एक अनन्त सिद्धान्त है कि वह "घमण्ड से फूलों हुओं को निकाल देता है और सिर्फ नम्र व दीन लोगों को ही बचा कर रखता है" (सपन्याह 3:11,12 ) उसने बहुत पहले इसी तरह स्वर्ग को शुद्ध किया था - और वह आज इसी तरह कलीसिया को भी शुद्ध करता है।
इस समय जगत में एक-साथ दो आंदोलन चल रहे हैं: जो दानिय्येल हैं. वे ऐसे दो-तीन लोगों को इकट्ठे कर रहे हैं जो प्रभु के लिए खड़े होते हैं; और जो लूसीफर हैं, जो करोड़ों लोगों को इकट्ठे कर रहे हैं कि उनकी अगुवाई करते हुए उन्हें अशुद्ध करें, अधिकार के ख़िलाफ विद्रोह करने वाले बनाएं, और परमेश्वर की आज्ञाओं को तोड़ने वाले बनाएं। लेकिन अंतत: वे दो-तीन ही जय पाएंगे जो उन दानिय्येलों के साथ होंगे क्योंकि परमेश्वर के पक्ष में रहने वाला एक व्यक्ति भी हमेशा बहुमत में होता है। अगर परमेश्वर को एक क्षेत्र में एक दानिय्येल नहीं मिलेगा, तो शैतान किसी को भी खड़ा कर देगा कि वह लोगों को उसके पीछे चलने वाला बना दे। इसलिए यह ज़रूरी है कि आप अपने स्थानीय क्षेत्र में परमेश्वर के लिए एक दानिय्येल बन जाएं, एक ऐसा व्यक्ति जिसकी शुरूआत सबसे पहले उसके मन में यह फैसला करने द्वारा होती है कि वह परमेश्वर की छोटी से छोटी आज्ञा तोड़ने द्वारा अपने आपको अशुद्ध नहीं करेगा कि वह उसके लिए खड़ा होगा, फिर चाहे उसे शेरों की माँद में भी क्यों न फेंक दिया जाए।
हम प्रार्थना करते हैं कि प्रभु आपको कृपा, सामर्थ्य और बुद्धि प्रदान करे। थोड़े बदलाव के साथ, यह एक प्रार्थना है जिसे आपने देखा होगा: “प्रभु, मुझे उन बातों के लिए नहीं कहने की शक्ति देना जिनके लिए तू चाहता है कि मैं इनकार कर दूँ; और उन बातों को करने की शक्ति देना जो तू चाहता है कि मैं करूँ; और इन दोनों के बीच के फर्क को जानने के लिए बुद्धि भी देना।"