द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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ओबद्याह के पहले अध्याय में ओबद्याह एदोम पर ठहरे हुए परमेश्वर के न्याय के विषय कहता है। एदोम हमारी देह का प्रतिक है। इसकारण यह भविष्यद्वाणी देह के नाश के विषय बताती है। यहाँपर एदोम के अभिमान के विषय कहा गया है, ''हे पहाडों की दरारों में बसनेवाले, हे ऊंचे स्थान में रहनेवाले, तेरे अभिमान ने तुझे धोखा दिया है; तू मन में कहता है, कौन मुझे भूमि पर उतार देगा? परन्तु चाहे तू उकाब की नाई ऊंचा उडता हो, वरन तारांगण के बीच अपना घांसे ला बनाए हो तोभी मैं तुझे वहां से नीचे गिराऊंगा, यहोवा की यही वाणी है'' (ओबद्याह 3,4)।

देह सदैव स्वयँ को उँचा उठाने का प्रयत्न करती है। परन्तु परमेश्वर ऐसे अभिमान संपूर्ण रीति से नष्ट कर देता है। रात्री के समय यदि चोर आए तो वे आपको लुटकर चले जाएंगे परन्तु वे सबकुछ नहीं लेकर जाते। परन्तु, यहाँ पर कहा गया है, ''परन्तु एसाव का धन कैसे खेाजकर लूटा गया है, उसका गुप्त धन कॆसे पता लगा लगाकर निकाला गया है!'' (वचन 6)। यह बात हमें लागू होती है कि सभी देहविषयक बातें हर एक जगह से दूंदी जाएगी। शरीर की हर लालसा पूर्ण रीति से नष्ट की जाएगी और उसपर पवित्र आत्मा का विजय होगा।

एदामे को दंड हो रहा था क्योकि एदामे ने स्वयँ के रिश्तदे ारों के विरुद्ध तथा इस्राएल के विरुद्ध दुष्टता की थी। इस्राएली लोग संकट में थे जब उन्हें बंदिवान कर के लेकर जा रहे थे तब एदोम ने उन्हें सहायता नहीं की। ऐसा कहा गया है, ''जिस दिन परदेशी लोग उसकी धन सम्पत्ति छीनकर ले गए, और बिराने लोगों ने उसके फाटकों से घुसकर यरूशलेम पर चिट्ठी डाली, उस दिन तू भी उन में से एक था'' (वचन 10-11)। उन्होंने इस्राएल के शत्रुओं की नाई बर्ताव किया। एदोम ने इस्राएल की कुछ भी मदद नहीं की।

दुष्टता करने का पाप होता है तथा कुछ भी नही करने का भी पाप होता है। जब हम पाप के विषय सोचविचार करते है तब बुरे काम को ही हम पाप समझते है। परन्तु जब हम दयालू सामरी के दृष्टांत में देखते है की याजक तथा लेवी इन्होंने कुछ कृत्य करके पाप नहीं किया। उन्होंने उस अधमूअे को नहीं मारा। परन्तु उनको उसपर तरस नहीं आया। यहीं उनका गंभीर पाप था। उनका यह पाप था कि उस गरीब व्यक्ती की सहायता करने के लिये उनके हाथ आगे नहीं आए। क्या आप जानते है कि जरूरतमंदों की सहायता न करना पाप है? यह नज़रअंदाज करने का पाप है। जो करना था वह न करने के द्वारा एदोम ने परमेश्वर की दृष्टी में गंभीर पाप किया। एदोम का दूसरा पाप यह था कि जब इस्राएल को बंदिवान कर के लेकर जा रहे थे तब वह आनन्द से मगन हुआ (वचन 12)। जो लोग आपको पसंद नहीं है उनका बुरा होने पर आपको आनन्द होता है क्या? यह भी पाप है। किसी का बुरा होते हुए देखकर हमें आनन्दित नहीं होना चाहिये। केवल इतनाही नहीं तो एदोम ने इस्राएल लोगों पर आक्रमण किया (वचन 14)। उन्होंने इस्राएल के शत्रुओं को सहायता की। आखीर प्रभु ने इस्राएल के पुनःवसन के विषय में कहा। इस्राएल के पुनःवसन के विषय में लगभग सभी भविष्यद्वक्ताओं ने कहा है। एक दिन यरूशलेम बचे हुए लोगों के लिये शरणस्थान होगा (वचन 17)। यरूशलेम पवित्र स्थान होगा ऐसा कहा है। इस्राएली लोगों को फिरसे वतन प्राप्त होगा ऐसी भविष्यद्वाणी की गई है। ऐसी भविष्यद्वाणी की गई है कि परमेश्वर के लिये इस्राएल जलती हुई आग बनेगा और एदोम सुका हुआ खेत बन जाएगा। ''और उद्धार करनेवाले एसाव के पहाड़ का न्याय करने के लिए सिय्योन पर्वत पर चढ़ आएंगे, और राज्य यहोवा की हो जाएगा'' (वचन 21)। आज परमेश्वर की हमारे लिये यह बुलाहट हैं कि हम मुक्त करनेवाले हो। परमेश्वर के मार्ग से पीछे हटे हुए लोगों को फिर से परमेश्वर के मार्ग पर लाने की हमें बुलाहट है। उन्हें राजा के विषय बताकर राजा के पास आने का उन्हें आमंत्रण दे।

एदोम के नाश के पीछे क्या कारण है? ''तेरे अभिमान ने तुझे धोखा दिया है'' (वचन 3)। जब हमारे मन में अभिमान आता है तब हम हमारी आत्मिक रीति से फंसने के लिये हम हमारा मन खोलते है। अभिमान शैतान का स्वभाव है और वह हमें फंसाता है। जिस समय आपको कोई भी बात का अभिमान आता है उसी समय शैतान आपका हाथ पकड़ता है। आपके मन में आप सुंदर दिखने का, आपके ज्ञान का, आपकी धार्मिकता का, बाइबल के ज्ञान का तथा और किसी भी बात का आपको अभिमान हो सकता है। फिर शैतान आपका हाथ पकड़कर कहता है, ''हम दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई है''। यीशु मसीह इस संसार में सबसे दीन व्यक्ति थे। जिस समय आप मसीह के समान स्वयँ को दीन करते है उसी क्षण मसीह की तथा आपकी दोस्ती हो जाती है।

अभिमान व्यभिचार से भी अधिक धोखे का है। क्योंकि व्यभिचार बाहरी रूप का पाप है। बाहरी स्वरूप के पाप की तुलना में आंतरीक पाप बहुत गंभिर होते है। ओबद्याह चेतावनी दे रहा है की हमारा अभिमान ही हमें धोखा देता है। इस चेतावनी से हम कुछ सीख ले। जो लोग शरीर तथा देह के गुलाम हैं उन्हें हम बताएं कि यीशु उन्हें पूर्णता से बंधमुक्त कर सकता है।