द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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जब हम यीशु के जीवन को देखते हैं तब हम उसने क्रूस पर मृत्यु सही उसी के विषय में विचार नहीं करते परन्तु उसके सम्पूर्ण जीवन के विषय में विचार करते हैं जो उसने अपने पिता को समर्पित किया था। उसने कहा, ''इसी कारण वह जगत में आते समय कहता है कि बलिदान और भेंट तू ने न चाही, परंतु मेरे लिए एक देह तैयार की। तब मैंने कहा, ' देख, मैं आ गया हूं (पवित्र शास्त्र में मेरे विषय में लिखा हुआ है) ताकि हे परमेश्वर तेरी इच्छा पूरी करूं'' (इब्रानियों 10:5,7)। यीशु ने कभीभी अपनी देह द्वारा स्वयं की इच्छा को पूर्ण नहीं किया। उसने केवल उसके पिता की इच्छा को पूर्ण किया है। इसी को होमबलि अर्पण करना कहेंगे। रोमियों 12:1 में पौल हमें इस विषय में बताता है, ''इसलिए हे भाइयो मैं तुमसे परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान करके चढ़ाओ; यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।'' यीशु ने भी ऐसा ही किया है। यह होमबलि जो परमेश्वर को भेट चढ़ाया जाता था उसे परमेश्वर पूर्ण रीति से जलाता था। इस विषय में बाइबल कहती है, ''और वह उसको पंखो के बीच से फाड़े पर अलग अलग न करे। तब याजक उसको वेदी पर उस लकड़ी के ऊपर रखकर जो आग पर हागेी जलाए, कि वह होमबलि और यहोवा के लिये सुखदायक सुगन्धवाला हवन ठहरे'' (लैव्यव्यवस्था 1:17)। यह परमेश्वर को पसंद था। "यह मेरा प्रिय पुत्र है, जिससे मैं अत्यन्त प्रसन्न हूं (मत्ती 3:17)। पौलुस के जीवन का ध्येय प्रभु को प्रसन्न करना था (2 कुरिन्थियों 5:9)।

अपना शरीर परमेश्वर को भटे चढ़ाने के विषय में हम आसानी से कहते हैं, ''प्रभु मैं अपना सम्पूर्ण शरीर तुझे अर्पण करता हूं । '' परन्तु हम नहीं जानते कि हमारा शरीर वास्तव में अर्पण हुआ है या नहीं। जब हम अपने शरीर के हिस्सों को कांटते है तब ही हम समझ सकते हैं कि हमारा शरीर परमेश्वर को अर्पण हुआ है या नहीं। यदि हम ऐसा नहीं करते तो हम स्वयं को फंसाते है। शरीर काटना और एक एक करके अर्पण करना, उसे होमबलि चढ़ाना, इसका अर्थ क्या है? इसका अर्थ है कि हम अपने शरीर के हर एक अवयव को एक एक करके परमेश्वर को अर्पण करते हैं।

हम कहते हैं, ''प्रभु यह मेरी आंख है। कई वर्षों से मैंने इस आंख का उपयोग स्वयं के लिये तथा शैतान के लिये किया है। मैंने अपनी आंखों द्वारा वह सबकुछ देखा है और पढ़ा है जो तु नहीं चाहता। मैं अपनी आंख वेदी पर अर्पण करता हूं । अब मैं नहीं चाहता कि मेरी आंख का उपयोग उन बातों के लिये हो जिनके लिये यीशु ने उसकी आंख का उपयोग नहीं किया। मैं अपनी आंखों से और अधिक पाप नहीं करना चाहता।''

और हम कहते है, ''प्रभु यह मेरी जीभ है। कई वर्षों से मैंने अपनी जीभ का उपयोग स्वयं के लिये तथा शैतान के लिये किया है। मैने अपनी जीभ के द्वारा बूरी बातें कहीं है, स्वयं के फायदे के लिये उसका दुरूपयोग किया है, निंदा की है तथा चुगली की है। परंतु, अब मैं यह सब करना नहीं चाहता। प्रभु मैं अपनी जीभ को तेरी वेदी पर पूर्ण रीति से अर्पण करता हूं । ''

और फिर हम कहते हैं, प्रभु, यह मेरे हांथ, पाव है और मेरे शरीर का हर एक अंग है, जिसके द्वारा मैंने पाप किया है और तुझे दुखाया है। मैं मेरे शरीर द्वारा स्वयं को संतुष्ट करना नहीं चाहता और वासना पूरी करना नहीं चाहता। मैं अपना शरीर पूर्ण रीति से होमबलि के स्वरूप में वेदी पर तुझे अर्पण करता हू।

जब हम अपना शरीर कांटकर एक एक करके वेदी पर चढ़ाते हैं तब ही हम जान पाते है कि वास्तव में हमने अपने शरीर को पूर्ण रीति से वेदी पर चढ़ाया है या नहीं। जब हम पूर्ण रीति से शरीर को वेदी पर चढ़ाते हैं तब हम कह पाते है, ''अब प्रभु तेरी आग इस अर्पण पर भेजकर उसे जला दे।'' लैव्यव्यवस्था 9:24 में हम पढ़ते हैं कि परमेश्वर आग भेजकर होमबलि को जला दिया करता था। आग उस बपतिस्मा का चित्र है जो पवित्र आत्मा द्वारा होता है। यह आग हमारे अर्पणों को जलाती है तथा हमारे शरीर को परमेश्वर के लिये जलाती है। जब तक हमारे शरीर का हरएक टुकड़ा वेदी पर चढ़ाया नहीं जाता तब तक परमेश्वर आग को नहीं भेजता।

बगैर शरीर को अर्पण किये जो मसीही लोग आग चाहते है वे मसीही लोग क्या करते हैं? वे झूठी आग जलाते हैं। इस झूठी आग के विषय में हम लैव्यव्यवस्था 10:1-2 में पढ़ते है, ''तब नादाब और अबीहू नामक हारून के दो पुत्रों ने अपना अपना धूपदान लिया, और उनमें आग भरी, और उसमें धूप डालकर उस ऊपरी आग की जिसकी आज्ञा यहोवा ने नहीं दी थी यहोवा के सम्मुख आरती दी। तब यहोवा के सम्मुख से आग निकलकर उन दोनों को भस्म कर दिया, और वे यहोवा के सामने मर गए।'' हममें परमेश्वर की सच्ची आग नहीं होती और हम आग चाहते हैं तब हम नकल करके धोके में रहते हैं। हम कहते हैं, ''हमें आग मिली है, हम भी अन्य भाषा बोलते हैं।'' नादाब तथा अबीहू ने झूठी आग को जलाया इस कारण परमेश्वर ने उनका न्याय करके उनपर आग को भेजा। इस आग ने उनके अर्पण को नहीं जलाया परन्तु उन्हें जलाकर उनका नाश कर दिया। इन दोनों पाखंड़ियों को परमेश्वर ने जलाकर राख कर दिया।