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योना 3:1 में लिखा है “फिर प्रभु का शब्द योना के पास दूसरी बार आया।” प्रभु की स्तुति हो कि हमारे एक बार असफल हो जाने के बाद, वह हमें दूसरा मौका देता है। योना की पुस्तक में से मिलने वाले संदेशों में से हमें यह एक महान् संदेश मिलता है। क्या आप प्रभु के काम में नाकाम हुए हैं? परमेश्वर आपको दूसरा मौका देने का इंतज़ार कर रहा है। क्या आप दूसरी बार नाकाम हुए हैं? वह आपको तीसरा मौका देगा। वह सिर्फ दूसरे मौके का ही परमेश्वर नहीं है - क्योंकि हममें से ज़्यादातर लोग हमारा दूसरा मौका बहुत पहले खो चुके हैं। आप चाहे कितनी भी बार नाकाम हुए हों, वह एक और मौका देने वाला परमेश्वर है! प्रभु आपको अभी भी पुनःस्थापित कर सकता है, और अगर आप पूरे हृदय से मन फिरा लें, तो वह आपको उसके लिए एक सेवकाई को पूरा करने में सक्षम बना सकता हैं।

योना को उस विशाल नगर से गुजरने में तीन दिन लगे, हर गली में यह घोषणा करता गया कि नीनवे 40 दिन में नाश हो जाएगा। आश्चर्यजनक रूप से, नीनवे के लोगों ने तुरंत अपना मन फिरा लिया।यह दुनिया के इतिहास में होने वाली सबसे बड़ी और सबसे तेजी से आई नवजागृति थी। एक बात जो मुझे यहाँ प्रोत्साहित करती है वह यह है कि जब नीनवे जैसे दुष्ट नगर ने अपना मन फिराया, तब भी परमेश्वर दयालु था। परमेश्वर जानता था कि कुछ वर्षों बाद वह नगर इतनी दुष्टता से भर जाएगा कि उसे वह नष्ट करना होगा। लेकिन परमेश्वर सभी के साथ वैसा ही व्यवहार करता है जैसे वे अभी हैं - न कि जैसे वे अतीत में थे या जैसे वे भविष्य में होंगे। उसका नाम “मैं जो हूँ सो हूँ" है, यह नहीं कि “मैं जो था", या "मैं जो होऊँगा”। परमेश्वर हमसे ज़्यादा दयालु है।

जब परमेश्वर ने नीनवे पर दया की, तो किसी ने सोचा होगा कि योना बहुत उत्तेजित हुआ होगा। लेकिन इससे वह उत्तेजित नहीं हुआ। योना को एक पाठ सिखाने के लिए, परमेश्वर ने एक पौधे को उसके सिर पर छाया करने के लिए उगने दिया। योना उस पौधे के कारण बहुत आनन्दित हुआ। लेकिन अगले दिन परमेश्वर ने एक कीड़ा भेजा जिसने उस पौधे को ऐसा काटा कि वह सूख गया। योना को फिर से बहुत गुस्सा आया क्योंकि उसके सिर पर कड़ी धूप पड़ रही थी। तब उसने कहा, “मेरे लिए जीने से मरना ही भला है"। तब परमेश्वर ने योना से कहा, “उस पौधे पर तुझे इतना तरस आया जो एक ही रात में बढ़ा और फिर सूख गया। और इस महानगर नीनवे में तो 1,20,000 से भी ज़्यादा लोग हैं जो अपने दाएं और बाएं हाथों का फर्क भी नहीं जानते, और इसमें बहुत से जानवर भी हैं। क्या मैं इस पर तरस न खाऊँ?" (4:11)।

योना 4:11 - पुराने नियम के किसी भी अन्य पद से अधिक - हम खोई हुई आत्माओं के लिए परमेश्वर की अद्भुत करुणा को देखते हैं। परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया कि कोई नाश न हो। योना किसी तरह इस मामले में परमेश्वर के साथ संगति नहीं कर सका। आज भी ऐसे बहुत से प्रचारक हैं जो प्रचार करते हैं और (योना की तरह) नवजागृतियाँ देखते हैं, लेकिन योना की ही तरह उनकी परमेश्वर के करुणामय हृदय के साथ कोई संगति नहीं होती। ऐसे प्रचारक अपनी सेवकाई उस रूप में पूरा नहीं करते जैसा परमेश्वर चाहता है। आप प्रचार कर सकते हैं और लोग उसके द्वारा उद्धार पा सकते हैं, और इस सब के अंत में, योना की तरह, यह हो सकता है कि आपकी परमेश्वर के साथ कोई संगति न हो। एक सही सुसमाचार प्रचार की सेवकाई का उचित आधार परमेश्वर के हृदय के साथ संगति होना है। जिनके पास ज्योति नहीं है, उनके प्रति परमेश्वर की कितनी बड़ी दया है। बाइबल कहती है कि परमेश्वर चाहता है कि सब मनुष्य अपना मन फिराएं, उद्धार पाएं, और सत्य का ज्ञान प्राप्त करें (1 तीमु. 2:4)। वह इसकी लालसा करता है। जितना अधिक हम परमेश्वर के हृदय के साथ सहभागिता में आएंगे, उतना ही अधिक हम उसके बोझ को साझा करेंगे। अगर परमेश्वर ने आपको एक सुसमाचार प्रचारक होने के लिए बुलाया, है, तो वह आपको खोई हुई आत्माओं के लिए तरस देगा। यदि परमेश्वर आपको एक शिक्षक बनने के लिए बुलाता है, तो वह आपको उन विश्वासियों के लिए करुणा देगा जो अंधे हैं और धोखे में हैं, और जो एक जयवंत जीवन में प्रवेश नहीं कर रहे हैं। अगर हमें अपनी सेवकाई एक प्रभावी रूप में पूरी करनी है, तो उसकी करुणा को साझा करने में परमेश्वर के हृदय के साथ सहभागिता आवश्यक है।