द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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लूका ने अपनी लिखी हुई दोनों पुस्तकों में पवित्र-आत्मा की सेवकाई के बारे में बहुत कुछ लिखा है। असल में उसने इस बात पर विशेष ज़ोर दिया है। सुसमाचार में दिए गए इन उदाहरणों पर ध्यान दे:

यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला गर्भ से ही पवित्र-आत्मा से भरा हुआ होगा (लूका 1:15)। मरियम पर पवित्र-आत्मा उतरेगा (लूका 1:35)। इलीशिबा और जकर्याह पवित्र-आत्मा से भर गए (लूका 1:41,67)। शमौन पर पवित्र-आत्मा था और उसने पवित्र-आत्मा द्वारा प्रकाशन प्राप्त किया, और वह पवित्र-आत्मा की अगुवाई से मंदिर में आया (लूका 2:25-27)। यीशु पवित्र-आत्मा का बपतिस्मा देता है (लूका 3:16)। जब यीशु का बपतिस्मा हुआ तो वह (निश्चय ही पवित्र-आत्मा के अभिषेक के लिए) प्रार्थना कर रहा होगा, और तुरंत पवित्र-आत्मा उस पर उतर आया (लूका 3: 21, 22)। यीशु पवित्र-आत्मा से परिपूर्ण था, और वह पवित्र-आत्मा द्वारा जंगल में ले जाया गया, और वह आत्मा की सामर्थ में लौटा (लूका 4:1,14)। यीशु ने यह प्रचार किया कि पवित्र-आत्मा उस पर था (लूका 4:18)। जो लोग पवित्र-आत्मा माँगते हैं, उन्हें दिया जाता है (लूका 11:13)। यीशु ने अपने शिष्यों को आज्ञा दी कि वे पवित्र-आत्मा की सामर्थ्य पाने का इंतज़ार करें (लूका 24:49)

प्रेरितो के काम में, लूका ने 50 से भी अधिक बार पवित्र आत्मा का उल्लेख किया है। लूका यक़ीनन पवित्र-आत्मा से भरा हुआ व्यक्ति था जो नई-वाचा के जीवन के बारे में बहुत उत्साहित था जो पवित्र-आत्मा के दान द्वारा संभव हुआ था। मैं अचंभा करता हूँ कि आज ऐसे कितने मसीही होंगे जो लूका की तरह उत्साह से भरे होंगे। नई वाचा की पहली सभी पाँच सुसमाचार की पुस्तकों में पवित्र-आत्मा में बपतिस्मा पाने के विषय में उल्लेख किया गया है। इससे हम इस नई वाचा के युग में पवित्र आत्मा की सेवकाई के ज़बरदस्त महत्व के बारे में सीखते हैं। इसलिए अगर कोई एक ऐसी बात है जिसकी नक़ल शैतान करना चाहेगा, तो वह पवित्र-आत्मा में बपतिस्मा पाना है, और हम आज उसकी बहुत सी नक़ल देख रहे हैं।

शैतान यह कैसे निश्चित करता है कि विश्वासी कभी भी पवित्र आत्मा में बपतिस्मा न पा सके? सबसे पहले, उनको शारीरिक और भावनात्मक अनुभव देने द्वारा। उनमें पाप पर जय पाने और प्रभु की सेवा करने की सामर्थ्य की कमी होती है। लेकिन शैतान उन्हें आश्वस्त कर देता है कि उन्होंने पवित्र आत्मा में बपतिस्मा पा लिया है। ऐसे विश्वासी फिर कभी पवित्र आत्मा में बपतिस्मा पाना नहीं चाहेंगे, क्योंकि उन्हें पूरा यक़ीन होता है कि वे पवित्र आत्मा का बपतिस्मा पा चुके हैं। सब जगह ऐसे लाखों मसीही है। वे पाप से हारे हुए हैं, वे धन से प्रेम करते हैं, और वे संसार के लिए जीते हैं। लेकिन वे कुछ बड़बड़ करते हैं जिसे वे “अन्य भाषाएँ” कहते हैं, और वे ये दावा करते हैं कि उन्हें कुछ शारीरिक और दर्शनीय अनुभव हुए हैं। फिर, शैतान कुछ ऐसे विश्वासी लाता है (पवित्र आत्मा के बपतिस्मा पर सैद्धांतिक रूप से विपरीत सोच रखनेवाले) जो इन स्पष्ट नक़ली अनुभवो के ख़िलाफ़ खड़े होते है और आत्मा के बपतिस्मा से पूरी तरह से दूर रहते है। और इस तरह शैतान यह निश्चित करने में सफल होता है कि इन दोनों ही समूहों के विश्वासी (जो बहुमत वाला एक विशाल समूह है) कभी भी परमेश्वर की असली सामर्थ्य और पवित्र आत्मा में बपतिस्मा न पा सके। सचेत रहे, और इन दोनों ही समूहों से बचकर रहे।

यूहन्ना अपनी माता के गर्भ से ही पवित्र आत्मा से कैसे भरा हुआ था? क्या वह एक भ्रूण के रूप में पवित्र आत्मा की बाट जोह रहा था? क्या गर्भ में उसे किसी ने प्रार्थना करने के लिए उत्साहित किया था? नहीं, परमेश्वर ने उसे पवित्र आत्मा से भरा था। आपको पवित्र आत्मा से भरना परमेश्वर का काम है। अगर हम अपने आपको उसके अधीन कर देंगे, तो वह हमें भर देगा। यह बात आपके विश्वास को प्रेरित करेगी: अगर परमेश्वर एक माता के गर्भ में एक असहाय भ्रूण को पवित्र आत्मा से भर सकता है, तो वह आपको क्यों नहीं भरेगा? पवित्र आत्मा की किसी तुच्छ नक़ल से संतुष्ट न हो। जब मैं एक युवक था तब मैंने प्रभु से कहा था कि मैं किसी भी नक़ली अनुभव से संतुष्ट नहीं होऊँगा, और पवित्र आत्मा के असली अनुभव के लिए अगर मुझे 10 साल भी इंतज़ार करना पड़ेगा तो मैं करूँगा। और यह इंतज़ार करने योग्य था। जब आप पवित्र आत्मा का असली बपतिस्मा पा लेते हैं, तो यह आपके पूरे जीवन को ही बदल देगा। जब यूहन्ना पवित्र आत्मा से भर गया, तब वह प्रभु की नज़र में महान हो गया (लूका 1:15)। पवित्र आत्मा हमें भी ऐसा ही बनाना चाहता है - मनुष्यों की नज़रों में नहीं, बल्कि परमेश्वर की नज़रों में महान।