द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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प्रेरितों के काम 2 : 3 में आग की जीभें जो हर एक के सिर पर आ ठहरीं थी, यह दर्शाता है कि नई वाचा के युग में परमेश्वर हमारे शरीर के जिस सबसे महत्वपूर्ण हिस्से का उपयोग करेंगे वह जीभ है - एक ऐसी जीभ जो पवित्र आत्मा की आग से भरी और हर समय उसके पूर्ण नियंत्रण में रहती है। यह अन्य भाषाओ के वरदान के चिन्ह का एक हिस्सा भी है। परमेश्वर दूसरों को आशीष देने के लिए आपकी जीभ का उपयोग करना चाहते हैं, न केवल अगर आप प्रचारक हैं, बल्कि हर दिन लोगों के साथ आपकी सामान्य बातचीत में भी। परन्तु इसके लिए, आपको पवित्र आत्मा को आपकी बोली को दिन में चौबीसों घंटे और सप्ताह में सातों दिन नियंत्रित करने की अनुमति देना है।

हमारे बोलचाल में बदलाव, आत्मा से भरे जाने के प्राथमिक चिन्हों मे से एक हैं। हमारी जीभ "आग की जीभ" बन जाएगी (प्रेरितों के काम 2: 3)। यह "अन्य भाषाओं में बोलना" नहीं है, परंतु “परमेश्वर के प्रेम और शुद्धता की आग के साथ अपनी मातृभाषा में बोलना” हैं। हमारी भाषा स्वर्गीय हो जाएगी। इन वचनो में हमारे बोलचाल पर दिये गए जोर पर ध्यान दें, “आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ। और आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो, और अपने अपने मन में प्रभु के साम्हने गाते और कीर्तन करते रहो। और सदा सब बातों के लिए हमारे प्रभु यीशु मसीह के नाम से परमेश्वर पिता का धन्यवाद करते रहो”। (इफिसियों 5: 19, 20)। जब हम पवित्र आत्मा से भरे होंगे तब धन्यवाद की आत्मा - गपशप, निंदा, कड़वाहट और क्रोध की आत्मा का स्थान ले लेगी।

इफिसियों 5:18 में लिखा वचन एक निरंतर क्रिया है, जिसका मतलब है "परिपूर्ण होते जाओ", "परिपूर्ण होने में लगे रहो", न की "सिर्फ एक बार परिपूर्ण होना”। यदि हम सुबह में आत्मा से भरे हुए थे, तो हमें शाम को भी पवित्र आत्मा से भरना होगा और हर दिन लगातार। परमेश्वर से हर समय उसकी आत्मा से भरे जाने के लिए मांगे। ऐसे लोगों का प्रेरितों के काम में "पवित्र आत्मा से परिपूर्ण पुरुष और स्त्री”कहकर उल्लेख किया गया।

इफिसियों 5:18 के बाद के वचन आत्मा से भरे लोगों की विशेषताएं हैं (इफिसियों 5: 19 से 6:24 तक)। यह धन्यवाद के साथ आरम्भ होता है और कलीसिया एवं घरेलु सम्बन्धो में एक दूसरे के आधीन रहने में जारी रहता है (इफिसियों 5:21 से 6:9); और फिर शैतानि ताकतों से लड़ने और उनका सामना करने तक (इफिसियों 6: 11)।

इसीलिए हमारी मसीही दौड़ और पृथ्वी पर हमारे युद्ध का रहस्य पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होते जाना हैं।

· हम पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हुए बिना परमेश्वर की स्तुति नहीं कर सकते।

· हम पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हुए बिना ईश्वरीय पति और पत्नी नहीं बन सकते हैं।

· हम पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हुए बिना हमारे बच्चों का सही पालन पोषण नहीं कर सकते हैं।

· हम पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हुए बिना शैतानि ताकतों को पराजित नहीं कर सकते हैं।

हमारे मसीही जीवन में सब कुछ पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होते जाने पर निर्भर करता है।