द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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1. एक बड़ा हृदय रखें:
आमोस की पुस्तक में ये दो पद कहीं नहीं मिलते है – “इस्राएल का परमेश्वर” और “इस्राएल का पवित्र”। यह इसलिए है क्योंकि आमोस ने परमेश्वर को सिर्फ इस्राएल का ही नहीं बल्कि सभी जातियों के परमेश्वर के रूप में देखा था। उसने प्रभु के शब्दों का उल्लेख किया, “क्या इस्राएल यह समझता है कि मेरे लिए वह इथियोपियाई लोगों (कुशियों) से बढ़ कर है? यह बात सही है कि मैं तुम्हें मिस्र में से निकाल कर लाया। लेकिन क्या मैंने दूसरे देशों के लिए भी वही नहीं किया है? क्या मैंने पालिश्तियों को कप्तोर से और अरामियों यानि सीरियाइयों को कीर से नहीं निकाला है? और तुम्हें मिस्र से निकाल कर लाया हूँ। तो अब तुममें और उनमें क्या अंतर रह गया है?” (आमोस 9:7)।

आमोस एक ऐसा नबी था जिसके पास सभी जातियों को समाहित करनेवाला “नई वाचा” जैसा दर्शन था। उसका यह विश्वास था कि परमेश्वर अन्य-जातियों को भी इस्राएल के साथ एक देह में इकट्ठा करेगा। आमोस इस्राएल की संकीर्ण मानसिकता से ऊपर उठ गया था। उसका हृदय विश्व के सब लोगों के प्रति खुला हुआ था। वह उन इस्राएलियों की तरह विशिष्ट नहीं था जो यह सोचते थे, “परमेश्वर ने पृथ्वी पर से सिर्फ हमारी ही जाति को चुना है”।

आज ऐसी ही कल्पना करने वाले बहुत से मसीही समूह भी हैं जो यह सोचते हैं कि पृथ्वी पर परमेश्वर ने सिर्फ उन्हें ही उसके लोग होने के लिए चुना है!! असल में, एक झूठे पंथ की पहचान ही इस बात से होती है। इस्राएल में भी उन दिनों में ऐसे ही लोग थे। लेकिन आमोस ऐसा नहीं था – वह बड़े हृदय वाला था।

परमेश्वर के एक सच्चे सेवक का हृदय भी ऐसा ही होगा; वह सभी समूहों और धर्म-मतों से परमेश्वर के लोगों को स्वीकार करेगा। बेबीलोन एक ऐसी व्यवस्था नहीं जो किसी एक धर्म-मत में मिले। वह एक सांसारिक व्यवस्था है जो ठीक आपके हृदय में पाई जाती है। लोग विश्व की सबसे श्रेष्ठ कलीसिया में बैठ सकते है और फिर भी बेबीलोन का हिस्सा हो सकते है – क्योंकि बेबीलोन उनकी आत्मा में हो सकता है। वे ऐसी कल्पना इसलिए कर सकते हैं, क्योंकि वे किसी एक मुख्यधारा के धर्म-मत से निकल आए हैं, इसलिए वे बेबीलोन से मुक्त हो गए है। लेकिन यह सच नहीं है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप धन से प्रेम करते है, तो आप चाहे विश्व की किसी भी कलीसिया के सदस्य क्यों न हो, आप बेबीलोन का हिस्सा हैं। अगर आप अपने शरीर की अभिलाषों के अनुसार जीते है, तो आप चाहे विश्व की किसी भी कलीसिया का हिस्सा क्यों न हो, आप एक व्यभिचारिणी हैं। आप यह कहते हुए अपने धर्म-सिद्धांतों की शुद्धता पर गर्व कर सकते हो कि, “हम मरियम की आराधना नहीं करते या हम शिशुओं का बपतिस्मा नहीं करते...”। यह अच्छी बात हैं। लेकिन अगर आप धन की आराधना करते है और अपनी लालसाओं के अनुसार जीते है तो आप वास्तव में उन लोगों की तुलना में बदतर हो सकते हैं। उनकी समस्या मानसिक है (धर्म- सिद्धान्त से जुड़ी है), लेकिन आपकी हृदय की समस्या (जीवन से संबधित) ज्यादा गंभीर हैं।

आज मसीही जगत में बहुत सा पृथकवाद हैं जिसमें लोग यह कल्पना कर रहें हैं कि परमेश्वर सिर्फ उनके ही छोटे झुंड की देखभाल कर रहा हैं! लेकिन मसीह की देह किसी भी एक धर्म-मत से ज्यादा बड़ी है। परमेश्वर के लोग आज सिर्फ किसी एक धर्म-मत में ही नहीं पाए जाते हैं। परमेश्वर के लोग आज हरेक धर्म-मत में हैं। आज नया जन्म पाए हुए लोग विभिन्न धर्म-मतों को मानते है और बहुत सी कलीसियाओं में हैं। मैं बहुत सी कलीसियाओं के धर्म-मतों से सहमत नहीं हूँ, लेकिन मैं इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि परमेश्वर के कुछ बच्चे उनके बीच में भी हैं। इसी तरह से, सुसमाचारिय कलीसियाओं में ऐसे बहुत से पंजीकृत सदस्य हैं, और जो “अलग की हुई” मंडलियों में रोटी तोड़ रहें हैं, किन्तु जिन्होने मन नहीं फिराया है – खास तौर पर वे जो इन मंडलियों में दूसरी या तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं। हमें इन दिनों में आमोस के दर्शन की बातों को देखना है। परमेश्वर सभी राष्ट्रों और संप्रदायों के लोगों को दंडित करता है। और वह सभी राष्ट्रों और सभी संप्रदायों के लोगों को एकत्र भी करता है।

2. भविष्यद्वाणी के वचन का मूल्य करे
आमोस 8:11,12 में, हम अंत के दिनो के लिए भविष्यद्वाणी का यह शब्द पढ़ते हैं: “देखो ऐसे दिन आने वाले हैं जबकि मैं इस देश में अकाल भेजूँगा – यह अकाल रोटी या पानी का नहीं वरन परमेश्वर के वचन के सुनने का होगा। और लोग परमेश्वर की ओर से कहे हुए वचन को सुनने के लिए इधर-उधर भटकेंगे, लेकिन उसे न पाएंगे”। आज हम इस अकाल को अपने बीच में देख रहें हैं। “परमेश्वर का वचन” यहाँ बाइबल के लिए प्रयुक्त हुआ है – और उसकी कोई भी कमी नहीं हैं। बाइबल सोसाइटी प्रतिवर्ष बाइबल की करोड़ो प्रतियाँ बांटती हैं, और वह आज भी विश्व में सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तक हैं। लेकिन यहाँ “यहोवा की वाणी (वचन)” की बात हो रही हैं – भविष्यद्वाणी के उस शब्द की जो परमेश्वर की ओर से समय की आवश्यकता के अनुसार एक भविष्यवक्ता के मुख से निकलता हैं। अंत के दिनों में “यहोवा की वाणी (वचन)” दुर्लभ हो जाएगी। लोग एक सच्चे भविष्यवक्ता को सुनने के लिए हर जगह भटकेंगे, परंतु वे आसानी से नहीं मिलेंगे। इसलिए जब आपको परमेश्वर की ओर से भविष्यद्वाणी का वचन सुनने का अवसर मिले, तो आप उसे ध्यान देकर सुनना – और उसे गंभीरता से लेना।

3. एक महिमामय प्रतिज्ञा
हम आमोस 9:13 में पढ़ते है कि “और फिर वह समय आएगा “जब हल जोतने वाला कटनी करने वाले को जा पकड़ेगा”। इसका अर्थ यह है: हमने बीतें समय में बहुत सी बुराई बोई हैं, और हालांकि हमें क्षमा मिल चुकी हैं, फिर भी हम एक हद तक वो काटते हैं जो हमने बोया हैं। लेकिन वह समय आएगा कि जब वे सब नई बातें जो आप अपने जीवन में बो रहे हैं (पूरे हृदय से यीशु के शिष्य बनने के बाद) उन बातों को मिटा देंगी जिन्हें आप (अपने पिछले जीवन की वजह से) काट रहे हैं। उदाहरण स्वरूप: वे गंदे विचार और स्वप्न जो आपके मन को इसलिए कष्ट देते रहें है क्योंकि आपने बीते समय में बहुत से अश्लील चीजों को देखा और पढ़ा हैं, वे धीरे-धीरे आत्मिक बातों के विचारों और स्वपनों में बदल जाएंगे क्योंकि आप अपने मन में अब परमेश्वर का वचन भर रहे हैं। और आपका जीवन परमेश्वर के लिए फलवन्त होगा। यह कैसी महिमामय प्रतिज्ञा है! हल्लेलुयाह!