द्वारा लिखित :   जैक पूनन श्रेणियाँ :   कलीसिया
WFTW Body: 

मसीह यीशु के स्वर्ग जाने के बाद, उसने कलिसिया को वरदान दिए। ये वरदान लोग थे। मसीह ने कलिसिया को प्रेरितों, भविष्यवक्ताओं, सुसमाचार प्रचारको, चरवाहो और शिक्षको को दिया (इफिसियों 4:11)। इन वरदानो से भरे पुरुषो को सभी विश्वासियों को मसीह की देह का निर्माण करने के लिए तैयार करना था (इफिसियों 4:12)। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। इन वरदानो से भरे पुरुष अपने खुद से कलीसीया बनाने के लिए नहीं थे। वे विश्वासियों को तैयार करने के लिए थे, ताकि यही विश्वासी मसीह की देह का निर्माण करे। प्रत्येक विश्वासी का मसीह के देह को बनाने में एक हिस्सा है। लेकिन आज ऐसा काम शायद ही कभी देखा जाता है।

वरदानों से भरे पुरुषो में से पहला प्रेरित है। ये अकेले पहले बारह प्रेरित नहीं है, क्योंकि यह यहाँ कहता है कि मसीह ने उन्हें स्वर्ग में चढ़ने के बाद कलिसिया में दे दिया (इफिसियों 4:8)। प्रेरितों के काम में, हम पढ़ते है कि पौलूस और बरनबास को प्रेरित भी कहा जाता है। और प्रकाशितवाक्य 2:2 में, हम पढ़ते है कि एक समय जब मूल 12 प्रेरितों में से एक जीवित (यूहन्ना) था, परमेश्वर ने इफिसूस की कलिसिया से कहा, “और जो अपने आप को प्रेरित कहते है, और है नहीं, उन्हे तू ने परखकर झूठा पाया”। यह साबित करता है कि उस समय और सच्चे प्रेरित भी थे। अन्यथा प्रेरित होने का दावा करने वाले किसी भी व्यक्ति का परीक्षण करने की आवश्यकता नहीं होती। आज भी प्रेरित है। प्रेरित जरूरी वे नहीं है जो पवित्रशाष्त्र लिखते है। आन्दरिया और मूल 12 प्रेरितों में से कई ने कोई पवित्रशाष्त्र नहीं लिखा था। और वहाँ मरकुस और लुका जैसे गैर-प्रेरित थे जिन्होने पवित्रशाष्त्र लिखा था। प्रेरित वे लोग थे जिन्हें परमेश्वर ने एक विशिष्ट कार्य के साथ भेजा था। ‘प्रेरित’ शब्द का अर्थ है ‘भेजा गया’ – एक विशेष समय पर परमेश्वर द्वारा किसी विशेष स्थान पर भेजा गया व्यक्ति। वे स्थानीय कलिसियाओं की स्थापना करते है और उन स्थानो पर प्राचीनो की नियुक्ति करते है। तब ये प्रेरित उन प्राचीनो के प्राचीन बन जाते है, उन्हे मार्गदर्शन करते है, अपनी कलिसियाओं के समस्याओं को हल करते है और उन्हे परिपक्वता तक ले जाते है। यद्यपि एक प्रेरित के पास एक कलिसिया में घर-आधार हो सकता है, लेकिन उस स्थानीय कलिसिया के सदस्यो पर उसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं होगी । उनकी ज़िम्मेदारी कलिसिया के प्राचीनो के लिए होगी ।

इसके बाद हमारे पास भविष्यवक्ता है। ये वे पुरुष है जिन्हें कलिसिया में समस्याओं को पहचानने के लिए समझदारी दी जाती है। वे एक अच्छे डॉक्टर की तरह है, जो रोगी की बीमारी का निदान कर सकते है, उन्हे सही दवाई दे सकते है, या आवश्यक सर्जरी कर सकते है, कैंसर को हटा सकते है और उसे ठीक कर सकते है। भविष्यवक्ता बहुत लोकप्रिय नहीं होते, क्योंकि वे हमेशा हर कलिसिया में पाप के कैंसर का पर्दाफाश करते है। बहुत से लोग अपने शरीर के स्केन के परिणाम को देखकर खुश नहीं होते। वैसे ही, जब कोई भविष्यवक्ता उन्हे अपने पापों के अंदरूनी राज्य के बारे में बताते है तो बहुत से विश्वासियों को आनंद नहीं होता। लेकिन यह स्थानीय कलिसिया में सबसे महत्वपूर्ण सेवकाई है। किसी भी कलिसिया को अपने आध्यात्मिक जीवन में बने रहने के लिए, उनके पास भविष्यवक्ता होना चाहिए जो हर सभा में पाप का पर्दाफाश करते हो। तब लोगों को उनके छिपे हुए पापो के लिए बोध आएगा और वे यह स्वीकार करेंगे की परमेश्वर सभा में उपस्थित है और उसकी ओर फिरेंगे (1 कुरुन्थियों 14:24,25)। मैं आज ईसाई जगत में झूठे भविष्यवक्ताओं की भीड़ का जिक्र नहीं कर रहा हूँ, जो लोगों को बताते है कि उन्हे कहाँ जाना है, या किसके साथ शादी करनी है, या जो उन्हे न्याय से धमकाते है। और यह नकली भविष्यवाणी है। नई वाचा में सीधी निर्देश भविष्यवाणी कभी नहीं पाते है। वह पुरानी वाचा के भविष्यवक्ताओं की सेवकाई थी, एक समय जब केवल भविष्यवक्ताओं के पास पवित्र आत्मा था। लेकिन आज ऐसा नहीं है।

अगला सुसमाचार प्रचारक है। ये वे विश्वासी है जिन्हें उन लोगो के लिए बोझ दिया जाता है जिन्होने कभी सुसमाचार नहीं सुना है और जिन्हे उन्हे परमेश्वर के पास लाने की क्षमता दी जाती है – या तो व्यक्तिगत सुसमाचार या सुसमाचार सभाओं के माध्यम से। सुसमाचार प्रचारक शरीर में एक हाथ की तरह है जो रोटी का टुकड़ा (एक अविश्वासी का प्रकार) लेता है और उसे मुंह में डाल देता है। तब एक भविष्यवक्ता दांतों की तरह होता है जो उस टुकड़े को चबाता है और उसे छोटा करता है, और उस पेट की तरह भी जो उस पर एसिड डालता है और उसका कद कम कर देता है, और अंत में यह शरीर का एक हिस्सा बन जाता है। टुकड़ा लेने की कोमल सेवकाई एसिड डालनेवाले सेवकाई की तुलना में अधिक सराहनीय होती है। लेकिन उन दोनों की जरूरत है यदि रोटी का टुकड़ा शरीर का हिस्सा बनना है। इसलिए सुसमाचार प्रचारक और भविष्यवक्ता को साथ मिलकर काम करना है।

इसके बाद हमारे पास चरवाहा है। ग्रीक शब्द poimen (संज्ञा) और poimaino (क्रिया) नए नियम में 29 बार उपयोग किया गया है और हमेशा हर जगह में “चरवाहा” और “चरवाहे को” के रूप में अनुवाद किया गया है। यहाँ अकेले इसे “पास्टर” के रूप में अनुवादित किया गया है। और इसने ईसाईजगत में इस सेवकाई की बहुत गलतफहमी फेला दिया है। चरवाहे वे लोग है जो भेड़ों की देखभाल करते है, और जब वे भूके या घायल होते हैं तो उनकी देखभाल करते है। एक चरवाहे का काम भेड़ों को पोषित करना है, छोटे बच्चो (भेड़ के बच्चे) की देखभाल करना, और यह सुनिश्चित करना है की वे परिपक्वता तक बढ़ जाए। हर एक कलिसिया को केवल एक पादरी नहीं, बल्कि चरवाहे की जरूरत होती है। यीशु ने केवल 12 पुरुषो की चरवाही की। तो यदि एक कलिसिया में 120 पुरुष हैं, तो उन्हें देखने के लिए 10 चरवाहो की जरूरत है। मैं यहाँ पूर्णकालिक वेतन प्राप्त करने वाले कर्मियों का जिक्र नहीं कर रहा हूँ जिनके पास “पादरी” का खिताब है। मैं यहाँ उन लोगों का जिक्र कर रहा हूँ जिनके पास उनसे छोटे भेड़ों की देखभाल करने के लिए चरवाहे का दिल है। वे ऐसे पुरुष हो सकते है जो दुनियावी नौकरियाँ करते हो, लेकिन उनसे छोटे लोगो को कलिसिया में प्रोत्साहित करना चाहते हैं। एक 25 वर्षीय व्यक्ति अपने कलिसिया में सभी किशोरों को प्रोत्साहित कर सकता है और इस तरह उनके लिए चरवाहा हो सकता है। ऐसे कई पुरुष कलिसिया में अगुओ को बहुत मदद कर सकते है। जैसे जैसे एक कलिसिया संख्या में बढ़ती है, उसे अधिक चरवाहो की आवश्यकता होती है। बड़ी कलिसिया मसीह के देह के लिए परमेश्वर की योजना में नहीं है, लेकिन चरवाहो के साथ छोटी कलिसिया जिनके पास पिता के समान दिल है। बड़ी कलिसियाए वास्तव में “प्रचार केंद्र” होते है जहां लोग मनोरंजन प्राप्त करते और शिक्षित होते है, लेकिन अनुग्रह मे नहीं बढ़ते। ऐसी कलिसिया के अगुवे केवल अच्छे प्रबन्धक और प्रचारक/शिक्षक हैं, लेकिन चरवाहे नहीं है।

अंत में हमारे पास शिक्षक है। ये वे पुरुष है जो परमेश्वर के वचन को समझा सकते है और इसे लोगों के लिए सरल और समझने योग्य बना सकते है। इसाइजगत में बहुत अच्छे शिक्षक नहीं है। लेकिन फिर हर एक कलिसिया को शिक्षक की आवश्यकता नहीं होती है। एक शिक्षक यात्रा करके 20 या 30 कलिसिया को पढ़ाने के लिए पर्याप्त है। और आजकल सीडी, डीवीडी और इंटरनेट के साथ, एक शिक्षक सेंकड़ों कलिसिया तक पहुँच सकता है। इसी तरह, हर एक कलिसिया को एक सुसमाचार प्रचारक की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि एक सुसमाचार प्रचारक लोगों को मसीह में ला सकता है और फिर कहीं और आगे बढ़ सकता है। लेकिन हर एक कलिसिया को भविष्यवक्ताओं और चरवाहो की जरूरत है।

इन सभी सेवकाईयों का मकसद मसीह की देह बनाना है। एक सुसमाचार प्रचारक को इसीलिए आत्माओं को मसीह में नहीं लाना चाहिए की लाकर फिर उन्हे जो भी कलिसिया पसंद है या अपने पुराने मृत कलिसिया में वापस जाने के लिए कहें। इफिसियों 4 में यहाँ सुसमाचार प्रचारक का यह प्रकार नहीं है। लेकिन दुर्भाग्यवश, आज हमारे पास ऐसे सुसमाचार प्रचारक है जिनके नाम उनके सेवकाई से जुड़े हुए है। वे सभाओ का आयोजन करते है और लोग बचाए जाते है (उम्मीद है)। फिर वे उन्हें अपने मृत कलिसिया में वापस जाने के लिए कहते है। उन मृत कलीसीया में, कोई चरवाहे या शिक्षक नहीं होते जो सत्य की ओर उनकी अगुवाई करे। यहाँ इफिसियों 4 में, हम प्रेरित, भविष्यवक्ता, चरवाहे और शिक्षको से साथ मिलकर काम करेने वाले सुसमाचार प्रचारक के बारे में पढ़ते है। सुसमाचार प्रचारक को नए जन्म पाए लोगो को चरवाहों के हाथ में सोंपना चाहिए। मसीह की देह में हमें इस प्रकार का सहयोग चाहिए। इसी तरह कलिसिया के शुरुआती दिनों में था। फिलिप एक सुसमाचार प्रचारक था, लेकिन प्रेरित या चरवाहा नहीं (प्रेरितों के काम 8)। तो शोमरोन के अन्य लोगों ने फिलिप से ज़िम्मेदारी संभाली ताकि वे उन नए जन्म पाये हुओ को परमेश्वर की सच्चाई में अगुवाई कर सकें। फिलिप ने उन्हें अपने खुद से भटकने नहीं दिया।