द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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परमेश्वर ने यिर्मयाह को तब बुलाया जब वह जवान था (यिर्मयाह 1:5,6) और उससे कहा, ''गर्भ में रचने से पहले ही मैंने तुझ पर चित्त लगाया, और उत्पन्न होने से पहले ही मैं ने तेरा अभिषेक किया; मैं ने तुझे जातियों का भविष्यद्वक्ता ठहराया।'' परमेश्वर यिर्मयाह को उसकी माता के गर्भ में रचे जाने से पहले से ही जानता था। आजकल इस विषय काफी मतभेद है कि क्या कोई भ्रूण मनुष्य प्राणी होता है या नहीं। यहाँ एक पद है जो इस संदेह को हमेशा के लिये दूर कर देगा - क्योंकि परमेश्वर कहता है कि वह यिर्मयाह को उसके रचे जाने से पहले से ही जानता था। जब यिर्मयाह उसकी माता के गर्भ में सूक्ष्म रूप में था तभी परमेश्वर उसे जानता था और उसे भविष्यद्वक्ता अभिषिक्त किया था। यह हमारे लिये बहुत प्रोत्साहन की बात है - कि परमेश्वर की दृष्टि हम पर भी थी जब हम अपनी माता के गर्भ में सूक्ष स्थिति में थे। उसके पास हमारे जीवन के लिये एक योजना है, जैसे यिर्मयाह के लिये थी।

जरा कल्पना करें - जब यिर्मयाह उन सभी कठिनाईयों से गुजरा, तब इस विचार ने उसे कितना प्रोत्साहित किया होगा : ''अभी मैं काफी कठिनाईयों का सामना कर रहा हूँ। परंतु परमेश्वर मुझे तब से जानता था, जब मैं माँ के गर्भ में था और उसने तभी मेरे जीवन की योजना बनाया। और वह योजना पूरी होगी। मैं पूरी तरह परमेश्वर को समर्पित रहूँगा।।'' हम सब को भी जब हम परीक्षाओं और कठिनाईयों से गुजरते हैं, इसी तरह सोचना चाहिये। परमेश्वर ने आपको आपके जन्म के पहले से ही चुन लिया है और आपके जीवन के लिये उसकी योजना पूरी होगी। इसलिये कभी निराश न होवें।

तब यिर्मयाह ने कहा, ''प्रभु मैं तो बोलना भी नहीं जानता।'' यह आश्चर्य की बात है कि परमेश्वर ऐसे लोगों को कैसे चुनता है जो लोगों के बीच में अच्छी तरह बोलना भी नहीं जानते। मूसा ऐसा ही था। उसने भी कहा, ''प्रभु मैं लोगों के बीच नहीं बोल सकता।'' मैं आप सब को प्रोत्साहित करना चाहता हूँ। ऐसा न सोचे कि परमेश्वर उसके वचन का प्रचार करने हेतु केवल इसलिये उपयोग में नहीं ला सकता क्योंकि आपके पास सार्वजनिक रूप से बोलने की योग्यता या साहस नहीं है। परमेश्वर ने मूसा से कहा, ''मैंने मनुष्य का मुँह बनाया। तो क्या मैं तुझे बोलने की शक्ति नहीं दूँगा? ''यदि आप परमेश्वर को अनुमति देंगे कि वह आपका तोड़े और उसके पवित्र आत्मा से परिपूर्ण करें तो वह आपको भी अपना प्रवक्ता बना सकता है। यह परमेश्वर के साथ आपके जीवन पर निर्भर करता है।

मैं जब जवान मसीही था तब शर्मीला था। परन्तु जब परमेश्वर ने मुझे उसके पवित्र आत्मा से अभिषिक्त किया, उसने मेरे माध्यम से बोलना शुरू किया। वह आपके साथ भी ऐसा ही कर सकता है। एक बात और, परमेश्वर से यह न कहें, ''परमेश्वर मैं बहुत छोटा हूँ।'' यदि परमेश्वर आपको बुलाता और अभिषिक्त करता है, तो आपकी उम्र क्या है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आपको बूढ़ा होने तक ठहरना नहीं होगा। जब आप प्रभु की सेवकाई शुरू करेंगे, जब भी आप अपने हृदय में बोझ को महसूस करते हैं, परमेश्वर की ओर देंखे कि वह आपको पवित्र आत्मा से परिपूर्ण करे और जाकर परमेश्वर के वचन का प्रचार करें।

परमेश्वर ने यिर्मयाह से कहा, ''मत कह कि मैं लड़का हूँ; क्योंकि जिस किसी के पास मैं तुझे भेजूँ वहाँ तू जाएगा, और जो कुछ मैं तुझे आज्ञा दूँ वही तू कहेगा। और फिर परमेश्वर ने उससे एक वचन कहा, जिसे वह अक्सर उसके भविष्यद्वक्ताओं से कहता आया था, ''मत डर, क्योंकि तुझे छुड़ाने के लिये मैं तेरे साथ हूँ'' (यिर्मयाह 1:8)। एक बड़ा लाभ जो सभी भविष्यद्वक्ताओं को मिला था वह यह था कि परमेश्वर उनके संग था। इसलिये उन्हें किसी मनुष्य का डर नहीं था। आज भी हमें इसी तरह से परमेश्वर की सेवा करना चाहिये। परमेश्वर हमारे साथ ही होगा।

परमेश्वर ने यिर्मयाह के मुँह को छुआ और उससे कहा, ''मैंने अपने वचन तेरे मुँह में डाल दिए हैं। यही कार्य परमेश्वर ने यशायाह के लिये भी किया। फिर उस सेवकाई को देंखे जो परमेश्वर ने यिर्मयाह को दिया। यहाँ 6 गतिविधियों के विषय बताया गया है - गिराने, ढा देने, नष्ट करने, काट डालने, बनाने और रोपने (यिर्मयाह 1:10)। इनमें से चार नकारात्मक और दो बनाने और रोपने - सकारात्मक थे। यिर्मयाह को पहले पुराना ढाँचा तोड़ना पड़ा था और फिर परमेश्वर का ढाँचा बनाना पड़ा था। यह करना सरल काम नहीं था। खुली जमीन पर इमारत बनाना कहीं ज्यादा सरल होता है। आज मसीहत उसी स्थिति में है जो उन दिनों यहूदा के लिये थी। आज मसीहत में कई विशाल ढाँचे है जो परमेश्वर के वचन के विरुद्ध है। एक भविष्यद्वक्ता जो ऐसी परिस्थिति में परमेश्वर के वचन के साथ आता है, वह पहले गिराना, ढाना, नष्ट करना, और कई बातों को काट डालना होता है उससे पहले कि वह अनंतकालीन मूल्यों की बातों का रोपण करे। यह बुलडोज़र से प्राथमिक कार्य करना होगा जिसे कई प्रचारक करने की इच्छा नहीं रखते। वे पुराने वस्त्र में नए कपड़े का पैबंद लगाना चाहते हैं।'' परन्तु परमेश्वर कहता है, ''नहीं''। तुम्हें पुराना वस्त्र उतारना होगा। तुम्हें पुराना ढाँचा पूरी तरह ढ़ा देना होगा और पूरी तरह नई बातों के साथ शुरुवात करना होगा।'' यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप वह नहीं बना सकेंगे जो परमश्े वर चाहता हैं कि आप बनाएँ। परमश्े वर ने यह कहकर यिर्मयाह को प्रोत्साहित किया, ''वे तुझसे लड़ेंगे तो सही, परन्तु तुझ पर प्रबल न हांगे ;े क्योंकि बचाने के लिये मैं तेरे साथ हूँ'' (यिर्मयाह 1:19)।