द्वारा लिखित :   जैक पूनन श्रेणियाँ :   जवानी
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परमेश्वर का वचन हमसे कहता है, ''अविश्वासियों के साथ असमान जूए में न जुतो, क्योंकि धार्मिकता और अधर्म का क्या मेल जोल?'' (2 कुरिन्थियों 6:14).

जुआ एक विवाह का चिन्ह है। दो बैलों का हल को खिंचना यह दर्शाता है कि पति और पत्नि दोनों प्रभु की सेवा एकसाथ करते हैं। पुराने नियम में प्रभु के लोगों को हल चलाते समय एक तरफ बैल और दूसरी तरफ गधहे को जोतने की मनाई थी (व्यवस्थाविवरण 22:10)। क्योंकि दोनों पशुओं का स्वभाव भिन्न होता है। इसीप्रकार विश्वासी और अविश्वासी के स्वभाव में भी भिन्नता होती है। इसलिये पवित्र शास्त्र यह भी कहता है, ''अविश्वासियों के साथ असमान जुए में न जुतों, क्योंकि धार्मिकता और अधर्म का क्या मेल जोल? या ज्योति और अन्धकार की क्या संगति? और मसीह का बलियाल के साथ क्या लगाव? या विश्वासी के साथ अविश्वासी का क्या नाता? (२ कुरिन्थियों 6:14-15)।

यह निश्चित है कि एक परमेश्वर का जन किसी एक अविश्वासी से विवाह करता है (जो शैतान की संतान है - यूहन्ना 8:44; 1 यूहन्ना 3:10)। तो उसका ससूर शैतान ही होगा और ऐसे ससूर पाके आपका बाकी जीवन अंततक समस्याओं से भरा रहेगा। कुछ विश्वासी यह सोचते है कि अगर किसी अविश्वासी से विवाह करते है तो वह एक आत्मा को बचा रहे है। परंतु, यह विवाह मान्य होता तो निश्चित रूप से हमारा सर्वज्ञानी प्रभु हमें अविश्वासियों से विवाह करने के लिये कहता। वह अपने वचन में ऐसा क्यों नही कहता? निश्चित रूप से वह नहीं चाहता कि वह विवाह आत्मा बचाने का माध्यम हो। इसलिये हम आशा न करे कि प्रभु इस विवाह पर आशीष देगा। यदि आपका जीवन साथी विवाह के पूर्व परिवर्तित नहीं हुआ हो तो हम आशा नहीं कर सकते कि वह विवाह के बाद प्रभु को ग्रहण करेगा।

जो भी हो एक विश्वासी जब किसी अविश्वासी से विवाह करता है तो वह सिधे तारै से परमेश्वर के वचन से विरुद्ध कार्य करता है आरै परमश्े वर को धोका देता है। इसलिये उसके विवाह को आशीषित करने के लिये परमेश्वर से प्रार्थना करना अनुचीत है।

परमेश्वर किसी भी परिस्थिती में कभी भी उसकी संतान को अविश्वासी के साथ विवाह करने के लिये अनुमति नहीं देता (यहां मैं फिर से स्मरण दिलाता हूं कि एक नामधारी विश्वासी अविश्वासी के तरह है या नास्तिक है)। किसी का जीवन साथी विवाह के बाद परिवर्तित हुआ है ऐसे उदाहरण को देखकर हम हमारा जीवन व्यतित न करे परंतु हमारा जीवन परमेश्वर के वचन के द्वारा चलाया जाए। जिन्हें परमेश्वर से अति उत्तम बातों की अपेक्षा है वे अविश्वासी से विवाह करने के बजाय अविवाहित रहे।