द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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कई विश्वासियों का पवित्र आत्मा से बपतिस्मा न होने के पिछे पाँच प्रमुख कारण हैं।

1)उन्हें सिखाया गया हैं कि जब हम नया जन्म पाते हैं तब ही हमारा पवित्र आत्मा से बपतिस्मा हो जाता है। वे जिंदगी भर पराजित होते रहते हैं, सामर्थहीन होते हैं, खाली होते हैं और फल नहीं देते फिर भी कहते हैं कि उनका पवित्र आत्मा से बपतिस्मा हुआ हैं। यह धोखाधड़ी है।

2) कुछ विश्वासियों का मानना है कि पवित्र आत्मा से बपतिस्मा होने के लायक वे नहीं। परन्तु वास्तविकता यह है कि यदि कोई स्वयं को सबसे बड़ा पापी माने तो वह पवित्र आत्मा को पाने के लायक होता है। क्योंकि पवित्र आत्मा के दान उनको मिलते है जो स्वयं को पात्र नहीं समझते। परन्तु हमें पापों से पश्चाताप करने की आवश्यकता है। हम नालायक होने पर भी पवित्र आत्मा को पा सकते है, केवल पश्चाताप की आवश्यकता है। हालेलुया!

3) कई लोग विश्वास नहीं करते कि परमेश्वर अच्छा परमेश्वर है और वह सभी को मांगने पर मुफ्त में दान देता है। वे समझते हैं कि परमेश्वर से कुछ पाने के लिये उन्हें किमत चुकानी होगी, सत्कर्म करने होंगे या प्रार्थना तथा उपवास करने होंगे।

परन्तु परमेश्वर के दान सभी को मुफ्त में प्राप्त होते है। परमेश्वर मुफ्त में पापों की क्षमा करता है, उसी प्रकार मुफ्त में पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देता है। परमेश्वर के दान खरीदे नहीं जाते। कुछ लोगों का मानना है कि सबसे मुश्किल काम विश्वास करना ही है। परन्तु यीशु ने विश्वास को कुछ पेय पिने इतना आसान बताया है (यूहन्ना 7:37,38... पियो... विश्वास करो)। पवित्र आत्मा पाना कुछ पिने के इतना सरल है। छोटे बच्चे भी पिना जानते है। जिन लोगों का अभी अभी नया जन्म हुआ है, उनका भी पवित्र आत्मा से बपतिस्मा हो सकता है। प्रेरितों के कामों में इस बात को हम देखते हैं।

4) कुछ लोग प्यासे नहीं होते। कई लोगों को पवित्र आत्मा की चाह नहीं होती। यीशु ने एक व्यक्ति का उदाहरण बताया कि वह पड़ोसी के दरवाज़े पर खटखटाता रहा। जिस बात की उसे आवश्यकता थी वह जब तक प्राप्त नहीं होती वह खटखटाता रहा। फिर यीशु ने कहा कि यदि हम पिता परमेश्वर से मांगेंगे, चाह करेंगे और खटखटाएंगे तो परमेश्वर हमें पवित्र आत्मा देगा (लूका 11:13)।

5) वे किसी विशेष अनुभव के लिये रूके होते है (अनन्य भाषा या चमत्कार होने की बाट जोहते है)। उन्होंने इस तरह की गवाही सुनी होती है। वे परमेश्वर की इच्छा पर निर्भर नहीं रहते कि परमेश्वर निर्णय ले। पवित्र आत्मा केवल विश्वास से प्राप्त किया जा सकता है। कहा गया है, 'ट्टांगो और तुम्हे दिया जाएगा'' (गलातियों 3:2; लूका 11:9-13)। भावनाओं के लिये न रूको। परन्तु, परमेश्वर से निश्चीतता मांगो। परमेश्वर पर भरोसा करो वह तुम्हे पूर्ण विश्वास दिलाएगा। आपने पापों की क्षमा पायी है ऐसा पूर्ण विश्वास आपको उसने दिया है ना? उसने आपको विश्वास दिया है कि आप उसके बच्चे है। उसीप्रकार पवित्र आत्मा से भर जाने का पूर्ण विश्वास वह आपको देगा। तुम्हे अनुभव नहीं वरन् सामर्थ की आवश्यकता है (प्रेरितों के काम 1:8)।

इसकारण प्यासे हो, विश्वास करो और प्राप्त करो। पाने का समय आज ही है। उद्धार का दिन आज ही है।

''तब यहोवा का आत्मा तुझ पर बल से उतरेगा, और तू उनके साथ होकर नबूवत करने लगेगा, और तू परिवर्तित होकर और ही मनुष्य हो जाएगा'' (1 शमूएल 10:6)।