द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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यूसुफ:

मत्ती 1: 19 में हम पढ़ते है कि जब यूसुफ ने मरियम के गर्भवती होने के बारे में सुना और यह न जानते हुए कि यह उसके गर्भ में परमेश्वर का अलौकिक कार्य था, तो यह लिखा है कि क्योंकि वह एक धर्मी व्यक्ति था, इसलिए वह उसे अपमानित नहीं करना चाहता था लेकिन चाहता था कि उसे ढाँपे जिसे उसने सोचा कि वह मरियम का पाप है।

यहाँ कुछ ऐसा है जिससे हम सभी धार्मिकता के विषय में कुछ सीख सकते हैं। सुसमाचार का संदेश अनिवार्य रूप से इस बारे में है कि कैसे एक अधर्मी मनुष्य धर्मी बन सकता है। नए नियम में यूसुफ़ सबसे पहला धर्मी व्यक्ति कहलाया गया। और उसकी धार्मिकता का उल्लेख किसी अन्य व्यक्ति के पाप को ढाँपने के विषय में किया गया है और वह उस व्यक्ति को शर्मिंदा नहीं करना चाहता था। यह वास्तव में धर्मी व्यक्ति की आत्मा है।

जब आप सुनते हैं कि किसी ने पाप किया है तो आपकी तुरंत प्रतिक्रिया क्या होती है? यदि आप एक धर्मी व्यक्ति हैं, तो आप इसे ढाँपना चाहेंगे। यदि आप एक अधर्मी व्यक्ति हैं तो आप इसके बारे में दूसरों से बात करेंगे। वहाँ हम देखते हैं कि यूसुफ जिसके पास पवित्र आत्मा नहीं था और वह नए नियम के अधीन भी नहीं था, फिर भी वह उन लाखों विश्वासियों की तुलना में कहीं अधिक धर्मी था जो नया जन्म पाए हुए होने का दावा करते हैं। पुरानी वाचा के मानकों के साथ यूसुफ ने उस बात को जो उसने सोचा की पाप है, ढाँपने का फैसला किया। परमेश्वर का धन्यवाद हो कि उसने कभी मरियम की बदनामी नहीं की। यदि उसने ऐसा किया होता तो क्या आप उसके उस पछतावे की कल्पना कर सकते हैं, जो उसे तब होता जब वह इस सत्य को जानता कि मरियम 100% शुद्ध और निर्दोष है!!

ये बातें हमारे निर्देश के लिए लिखी गई हैं। आप उन कहानियों को कैसे वापस ले सकते हैं जिन्हें आपने दूसरों के बारे में फैलाई है, यदि आप बाद में उन्हें झूठा पाते है। जिस व्यक्ति के बारे में आपने उसे बताया होगा, वह आगे चलकर शायद दस अन्य लोगों में उस बात को फैला चुका होगा और वे लोग आगे अन्य लोगों में भी इसे फैला देंगे। इसलिए नए नियम के पहले अध्याय से ही यहाँ हमारे लिए एक चेतावनी और उदाहरण है। दूसरों के पापों को ढाँप दे। यूसुफ के उदाहरण से सीखें।

शेम और येपेत:

उत्पत्ति 9: 20- 27 में हम पढ़ते हैं कि नूह एक दिन नशे में धुत होकर अपने डेरे में नग्न पड़ा था। उसके बेटे हाम ने उसे देखा और अपने भाइयों को उसकी सूचना दी। क्योंकि हाम ने अपने पिता का अनादर किया इसलिए उस पर श्राप आया। शेम और येपेत ने हालांकि पीछे की ओर उलटे चलकर अपने पिता के नंगे तन को ढाँप दिया। इसलिए वे आशीषित हुए। हमारे लिए यहां एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह पवित्र-शास्त्र में पाया जाने वाला पहला स्थान है जहाँ हम परमेश्वर को एक बेटे और उसके बीज (वंश) को पिता को अपमानित करने के कारण दंडित करते हुए पाते है।

जब हम अधिकार का अनादर करते हैं तब यह परमेश्वर के सामने एक गंभीर मामला है। जब आप अपने पिता या ईश्वरीय व्यक्ति में कोई कमजोरी देखते हैं, तो दूसरों के सामने उनकी नग्नता को उजागर न करें, जैसा की हाम ने किया - जब तक कि आप अपने ऊपर श्राप नहीं चाहते। शेम और येपेत की तरह बने और इसे ढाँपे। "प्रेम अनेक पापों को ढाँपता है" (1 पतरस 4: 8; नीतिवचन 10:12)

नूह ने शेम और येपेत को संगति की आशीष देते हुए कहा, "परमेश्वर येपेत के वंश को फैलाए और वह शेम के तम्बू में बसे" (उत्पत्ति 9:27)। हमें भी उन लोगों के साथ संगति करनी चाहिए जो एक साथ रहते हैं और एक-दूसरे के पापों को ढाँपते हैं। केवल ऐसे विश्वासी ही यीशु मसीह की कलीसिया का निर्माण कर सकते हैं।