द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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शैतान सभी विश्वासियों पर प्रमुख दोष लगानेवाला है (प्रकाशितवाक्य 12:10)। लेकिन वह हमेशा इस काम में उसकी मदद करने के लिए विश्वासियों में से सहकर्मियों की तलाश करता रहता है। और दुनिया भर में अनेक ऐसे उसके सहकर्मी है।

शैतान हमसे झूठ बोलता है। लेकिन जब वह हम पर परमेश्वर के सामने दोष लगाता है, तो वह हमारे खिलाफ प्रत्येक दोष जो लगाता है, वे सभी सत्य होते है, क्योंकि शैतान परमेश्वर से झूठ बोलने की हिम्मत नहीं कर सकता। लेकिन उसकी आत्मा अभी भी दोष लगानेवाली आत्मा है, भले ही वह सच बोल रहा हो। हमें उससे कुछ सीखना चाहिए - और वह यह है: यदि हम अपने भाई से उसके पापो के बारे में उससे सीधे बात करने की बजाय उसके पीठ पीछे बात करते हैं, तो हम इस दोष लगाने वाली सेवकाई में शैतान के सहकर्मी बन जाते हैं, भले ही हम जो भी शब्द बोलते हो वो सच हो।

दोष लगानेवाले के साथ हमें कभी भी ऐसी संगति नहीं करनी चाहिए। हमें आज्ञा दि गयी है कि अगर किसी भाई ने पाप किया हो तो हम नम्रता की आत्मा में उसे पुनःस्थापित करने की कोशिश करे (गलातियों 6: 1)। हमें उससे सीधे बात करनी चाहिए। अगर वह हमारी सुनने से इनकार कर देता है, तो हमें उसके बारे में प्राचीनों को बताना चाहिए। यदि वह प्राचीनों की भी नहीं सुने, तो संपूर्ण कलीसिया को उसके आत्मिक अधिकारों की आधीनता में न रहने की इच्छा के बारे में बताना चाहिए। फिर उसे कलीसिया से बाहर कर दिया जाना चाहिए। मत्ती 18: 15-20 में प्रभु यीशु ने यह प्रक्रिया स्पष्ट रूप से निर्धारित की है। यीशु ने आगे कहा कि हम इस तरह कलीसिया में दोष लगानेवाले शैतान की गतिविधि को बांध सकते हैं।

यदि किसी प्राचीन के विरुद्ध दोष लगाया गया हो, यदि दो या दो से अधिक विश्वसनीय लोगों ने दोष लगाया हो तो इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए (1 तीमुथियुस 5:19)। इस मामले की फिर अन्य वरिष्ठ प्राचीनों द्वारा सावधानीपूर्वक जांच की जानी चाहिए। पुरानी वाचा के तहत, परमेश्वर ने स्पष्ट रूप से यह कहते हुए आज्ञा दी थी, "तो पूछपाछ करना, और खोजना, और भलीं भांति पता लगाना; और यदि यह बात सच हो, और कुछ भी सन्देह न रहे......"(व्यवस्थाविवरण 13:14)। यदि वह प्राचीन पाप में बने रहता हुआ प्रमाणित होता है तो उसे कलीसिया की उपस्थिती में एक वरिष्ठ प्राचीन द्वारा सार्वजनिक रूप से फटकारा जाना चाहिए (1 तिमुथियुस 5:20)।

यदि एक वरिष्ठ प्राचीन, तरस की झूठी भावना के कारण सार्वजनिक रूप से ऐसा नहीं करता है, तो वह इस बात का दावा करता है कि उसकी समझ पवित्र आत्मा के समझ से ऊपर है! नम्रता में चलना और परमेश्वर के वचनों का पालन करना श्रेष्ठ है।

और अब, उन लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए, जिन पर झूठा दोष लगाया जा रहा है, यहां पर दो प्रतिज्ञाये हैं:

"उनके अपमान मुझे चोट नहीं पहुंचा सकते, क्योंकि सर्वशक्तिमान परमेश्वर मेरी सहायता करता है। मैं उन्हें सहन करने के लिए स्वयं को संभालता हूं। मुझे पता है कि मैं अपमानित नहीं होऊंगा, क्योंकि परमेश्वर निकट है, और वह मुझे निर्दोष साबित करेगा। क्या कोई मेरे खिलाफ दोष लगाने की हिम्मत करता है? चलो एक साथ अदालत में जाएँ! उसे अपना दोष लाने दो! सर्वशक्तिमान परमेश्वर स्वयं मुझे बचाता है – तब कौन मुझे दोषी साबित कर सकता है? मेरे सभी दोष लगानेवाले गायब हो जाएंगे; वे सब पुराने कीड़े खाए हुए कपड़ों के समान मीट जाएंगे...। वो सभी जो दूसरों को नाश करने की साजिश करते है, वे खुद की साजिशो से ही नष्ट हो जाएंगे। प्रभु स्वयं ऐसा करेगा" । (यशायाह 50: 7-11 – गुड न्यूज़ बाइबल)।

"कोई भी हथियार तुम्हारे विरोध में सफल नहीं होगा, और अदालत के हर झूठ के खिलाफ तुम्हारे साथ न्याय होगा। यह परमेश्वर के दासों का भाग है। यह आशीष है जो मैंने तुम्हें दि है, परमेश्वर की यही वाणी हैं" (यशायाह 54:17 – लिविंग अनुवाद)।

परमेश्वर शैतान को अनुमति देता है कि उसके लोगों की परीक्षा करे, ताकि हर कोई जो स्वयं को उसके नाम से बुलाता है उसके हृदय की स्थिति को सब लोगों के सामने प्रगट करे। इस झूठ और घृणा से भरे संसार में परमेश्वर हमें कई कठिन परिस्थितियों का सामना करने की अनुमति देंगे, ताकि हमें परखे कि हम अंत तक सच्चाई और प्रेम में बने रहे।

जिन लोगों को देखने के लिए आंखें हैं, वे इस बात को परखने में सक्षम होंगे कि ईश्वरीय कौन हैं और कौन नहीं हैं, और कौन भलाई से प्रेरित हैं और कौन ईर्ष्या और घृणा से। लेकिन कुछ लोग अंत तक अंधे और बिना परख के (फरीसियों की तरह) रहेंगे। सोना आग में शुद्ध हो जाएगा लेकिन भूसी राख में तब्दील हो जाएगी।