द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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आइए हम उन दो पुरुषों के विषय में विचार करें जो परमेश्वर के साथ-साथ चले थे - हनोक और नूह।

उत्पत्ति 5 में, हम यह वाक्यांश “और तब वह मर गया” आठ बार पढ़ते है। फिर उसी अध्याय के बीच में हम एक ऐसे पुरुष के विषय में पढ़ते है जो मरा ही नहीं!! वह हनोक था। वह परमेश्वर के साथ-साथ चला और परमेश्वर ने उसे जीवित ही स्वर्ग में उठा लिया। मृत्यु के बीच में यह पुनरुथान जीवन का एक चित्र है। हनोक एक ऐसा व्यक्ति था जो पुनरुत्थान की सामर्थ में जिया, उसने मृत्यु पर जय पाई, और वह स्वर्ग में उठा लिया गया – आत्मिक मृत्यु के बीच में रह रही एक ऐसी ईश्वरीय कलीसिया का चित्र, जिसने पुनरुत्थान की सामर्थ द्वारा जय पाई और अंत में स्वर्ग में उठा ली गई।

यह हो सकता है कि हनोक उसके जीवन के आरंभिक 65 वर्षों में परमेश्वर से दूर रहने वाला व्यक्ति रहा होगा। लेकिन 65 वर्ष की उम्र में उसको एक पुत्र हुआ। उसने दिव्य प्रकाशन द्वारा उसका नाम “मतूशेलह” रखा। “मतूशेलह” का अर्थ है “उसकी मृत्यु पर जलधाराएँ प्रवाहित होंगी”। यह दर्शाता है कि जब हनोक के पुत्र का जन्म हुआ, तब परमेश्वर ने उसे एक प्रकाशन दिया। परमेश्वर ने हनोक को बताया कि जब उसके पुत्र की मृत्यु होगी, तब संसार का जलप्रलय द्वारा न्याय किया जाएगा। जलप्रलय द्वारा न्याय का यह प्रकाशन नूह से पहले हनोक के पास आया था। इसलिए उसने उसका नाम मतूशेलह रखा।

जब आपका बच्चा होता है, तो आपको यह मालूम नहीं होता कि वह कितने वर्ष जिएगा। जब मतूशेलह बीमार होता होगा, तब हनोक शायद यह सोचता होगा कि न्याय का दिन नजदीक आ गया है। एक ऐसे बच्चे के विषय में सोचे जिसके नाम का यह अर्थ हो: “उसकी मृत्यु के समय जलप्रलय होगा?” आप जब भी उसे पुकारेंगे, आपको न्याय का दिन याद आएगा। और परमेश्वर के उस न्याय के भय ने हनोक को परमेश्वर के साथ-साथ चलने वाला और यह समझने वाला बना दिया कि अनंत की बाते, समय के साथ ख़त्म हो जाने वाली बातों से ज्यादा महत्वपूर्ण है। इसी संकट की वजह से हनोक अगले 300 वर्षों तक प्रतिदिन परमेश्वर के साथ-साथ चलता रहा।

बाइबल बताती है, "संसार और उसकी लालसाएँ मिटती जाती है” (1 यूहन्ना 2:17)। अगर हमारा यह विश्वास होगा तो हमें भी हनोक की तरह यह समझ आ जाएगा कि अनंत की बाते उन बातों से ज्यादा महत्वपूर्ण है जो समय के साथ ख़त्म होने वाली है।

परमेश्वर का मनुष्य को धीरज से सहना इस वास्तविकता में नजर आता है कि उसने मतूशेलह को सब मनुष्यों से ज्यादा लंबे समय तक जीवित रहने दिया – 969 वर्ष। 969 वर्ष तक, जब भी लोगों ने मतूशेलह का नाम सुना, तो उन्हें आने वाले न्याय का संदेश सुनने को मिला। लेकिन लोगों ने उस संदेश को अस्वीकार कर दिया। इस संदेश का प्रचार करने वाल सिर्फ नूह ही नहीं था। हनोक ने भी 300 वर्षों तक इस संदेश का प्रचार किया था और फिर मतूशेलह ने अपने नाम द्वारा ओर 669 वर्ष तक इस संदेश का प्रचार किया था।

नूह भी परमेश्वर के साथ-साथ चला, और मतूशेलह के जीवन के अंतिम 120 वर्षों में उसने भी इस न्याय का प्रचार किया था। हनोक और मतूशेलह को जल-प्रलय के विषय में इतने विस्तार से नहीं मालूम था जितना कि परमेश्वर ने बाद में नूह पर प्रकट किया था। लेकिन वे इतना जानते थे कि मतूशेलह की मृत्यु के समय जल की बाढ़ से जुड़ा किसी प्रकार का न्याय होने वाला है।

यहूदा ने हमें बताया कि हनोक ने अपने समय के सभी भक्तिहीनों के खिलाफ न्याय होने की नबूवत की थी (यहूदा 14, 15)। हनोक एक नबी था और वह परमेश्वर के साथ-साथ चलता था। हनोक के जन्म के समय आदम 622 वर्ष का था और वह 930 वर्ष की उम्र में मरा था (उत्पति 5: 5-23)। इस तरह, हनोक 308 वर्ष तक आदम के संपर्क में रहा था। मैं यह कल्पना कर सकता हूँ कि हनोक ने अक्सर आदम से उस समय के विषय में पूछा होगा जब आदम स्वयं अदन में परमेश्वर के साथ-साथ चलता था। और हनोक की स्वयं परमेश्वर के साथ-साथ चलने की बड़ी अभिलाषा रही होगी। हनोक एक ऐसा पहला व्यक्ति हुआ जिसने यह साबित कर दिखाया कि अदन से बाहर भी मनुष्य परमेश्वर के साथ-साथ चल सकता है। पाप के जगत में आ जाने के बाद भी मनुष्य परमेश्वर के साथ-साथ चल सकता था।

मैं अपने जीवन में बहुत से प्रचारको से मिला हूँ। लेकिन मुझे ऐसे बहुत कम लोग मिले है जो परमेश्वर के साथ-साथ चले है। लेकिन मेरी युवावस्था में जो थोड़े से ऐसे लोग मुझे मिले, सिर्फ उन्होने ही मेरे जीवन में यह अभिलाषा जगाई कि मैं स्वयं भी परमेश्वर के साथ-साथ चलूँ।

नूह मतूशेलह का पोता था। और नूह 600 वर्षों तक मतूशेलह के साथ रहा था। उसने मतूशेलह से अक्सर यह पूछा होगा कि हनोक परमेश्वर के साथ-साथ कैसे चलता था। नूह के हृदय में भी परमेश्वर के साथ-साथ चलने की अभिलाषा पैदा हुई होगी। उत्पत्ति 6:9 में हम पढ़ते है कि नूह भी परमेश्वर के साथ-साथ चला। जैसे जैसे नूह परमेश्वर के साथ चला, परमेश्वर ने जलप्रलय के न्याय में रखे अपने उद्देश्य को नूह पर प्रकट किया।

जो दो लोग (पवित्र-शास्त्र में) परमेश्वर के साथ-साथ चले थे, परमेश्वर ने पाप के विरुद्ध न्याय का सत्य उन पर प्रकट किया। और हनोक और नूह ने विश्वासयोग्य रहते हुए उस सत्य का प्रचार किया, हालांकि किसी ने उनकी बात नहीं मानी। तब से अब तक परमेश्वर का हर एक सच्चा नबी उसी संदेश का प्रचार करता रहा है: परमेश्वर विश्वासियों और अविश्वासियों के पाप के लिए उनका न्याय करेगा।

परमेश्वर के साथ-साथ चलने वाले हनोक और नूह ऐसे पहले दो प्रचारक है जिनका पवित्र-शास्त्र में उल्लेख किया गया है। परमेश्वर ने चाहा कि तब से हर एक प्रचारक ने ऐसा ही किया होता।