द्वारा लिखित :   जैक पूनन
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यीशु का जीवन सबसे सुन्दर, सबसे क्रमबद्ध, सबसे शांतिपूर्ण और सबसे आनंदित जीवन था, ऐसा जीवन जैसा संसार ने आज तक नहीं देखा है। इसकी वजह यह थी की वह परमेश्वर के वचन का संपूर्ण आज्ञापालन करता था। जहाँ भी सम्पूर्ण आज्ञापालन होता है, वहाँ सिद्धता और सौंदर्य होता है - जैसा हम ग्रहों मे और सितारों में देखते है। "परमेश्वर का भय जीवन का स्रोत है" (नीति 14:27) - और यीशु ने "सदा परमेश्वर के भय में रहने" की आज्ञा का पालन किया था। (नीति 23:17)। जब यीशु पृथ्वी पर चला, तो लोगों ने स्वर्ग का जीवन उसमें देखा। यीशु की करुणा, दूसरों के लिए उसकी परवाह, उसकी शुद्धत्ता, उसका निस्वार्थ प्रेम और उसकी नम्रता - यह सभी परमेश्वर के जीवन की अभिव्यक्तिया थी। पवित्र आत्मा अब परमेश्वर के इस जीवन और स्वर्ग के वातावरण को हमारे हृदयों में लाने के लिए आया है। हमें इस स्वर्गीय जीवन को संसार के सामने प्रकट करने के लिए परमेश्वर द्वारा पृथ्वी पर रखा गया है। परमेश्वर चाहता हैं कि इस आने वाले वर्ष में आपके घर और कलीसिया में आप स्वर्ग का आनंद, शांति, प्रेम, पवित्रता और भलाई का स्वाद चखें। यीशु ने इस पृथ्वी पर एक स्वर्गीय जीवन व्यतीत किया। यदि आप उस पर अपनी दृष्टि लगाते हैं और उसका अनुसरण करते हैं, तो इस वर्ष का प्रत्येक दिन आपके लिए पृथ्वी पर स्वर्ग के दिन जैसा होगा।

प्रभू यीशु मसीह के लिए सबसे बहूमूल्य संपत्ति परमेश्वर की संगति थी। उसने इस विश्व में इसके आलावा और किसी बात को अहमियत नहीं दी। यीशु जनता था कि क्रूस पर यह संगती टूट जाएगी, जब तीन घंटो तक उसे खोयी हुई मानवता के लिए अनंत नरक की पीड़ा को सहना पड़ेगा (मत्ती 27:45-46)। तब पिता को उसे छोड़ना पड़ता, और अनंतकाल से पिता के साथ जिस संगति का आनंद उसने उठाया था वह तीन घंटों के लिए टूट जाएगी। इस संगति के टूटने से वह इतना अधिक डरा हुआ था कि गतसमनी मे उसका पसीना लहू की बूंदों के समान निकला। जिस कटोरे को हटा लेने के लिए उसने प्रार्थना की थी वह यही था: परमेश्वर के साथ संगति का टूट जाना। यीशु के पीछे चलने का मतलब है परमेश्वर की संगति को वही मूल्य देना जैसा उसने दिया। तब पाप हमारे लिए अति पापमय हो जाएगा, क्योंकि वह परमेश्वर से हमारी संगति को तोडता हैं। दूसरे के प्रति प्रेमरहित व्यवहार को हम सहन नही करेंगे क्योंकि पिता से यह हमारी संगति को तोड देगा।

बाइबल को समझने का रहस्य, सबसे पहले प्रभु के साथ एक घनिष्ट सम्बन्ध के होने में है। पवित्र आत्मा हमे उन बातों का अर्थ समझा सकता है जो उसने अपनी प्रेरणा से परमेश्वर के वचन में लिखी है। इसलिए, उसके साथ वैसे ही चले जैसे आरंभिक शिष्य चलते थे और अपने अंदर यह लालसा रखे की वह आपके साथ वैसे ही बात करे। तब आपकी भी आंखें उनकी तरह खुल जाएँगी और आपके भी ह्रदय उनकी तरह जलने लगेंगे। पिछले 61 वर्षों में प्रभु के साथ चलने में मैंने यही जाना है।

परमेश्वर ने हमारे जन्म से पहले ही हमारे जीवन के लिए योजना बनाई है। दाऊद कहता है, "प्रभु, तूने मुझे जन्म लेने से पहले ही देख लिया था और मेरे जीवन के प्रत्येक दिन को निर्धारित किया था इससे पहले कि मैं सांस लेना भी आरंभ करता। मेरा हर दिन तेरी पुस्तक में दर्ज किया गया। प्रभु कितना मूल्यवान है यह जानना कि तू मेरे बारे में लगातार सोचता रहता है। मैं यह गिन नहीं सकता कि दिन में कितनी बार तेरे विचार मेरी तरफ मुड़ते है। और जब मैं सुबह उठता हूं, तब भी तू मेरे बारे में सोच रहा होता हैं!" (भजन 139:16-18 लिविंग बाइबल अनुवाद)

यह हमें सिखाता है कि आपके जीवन के प्रत्येक दिन के लिए परमेश्वर के मन में एक विस्तृत योजना है। आपके पैदा होने के लाखों साल पहले, उसने पहले ही लिख दिया था कि आपके माता-पिता कौन होने जा रहे हैं, और आप किस देश में पैदा होंगे और जिन परिस्थितियों में वह आपको मसीह में लाने की व्यवस्था करेगा। यह भी पहले ही लिखा गया है की वह किन परीक्षाओं से आपको ले जाएगा ताकि आपको एक आत्मिक शिक्षण दे सके; और वह कैसे इस वर्ष आपके द्वारा की गई भूलों और गलतियों को अपनी महिमा का कारण बनाएगा।

किसी भी कलीसिया में सबसे मूल्यवान भाई और बहन वह है जो कलीसिया में स्वर्ग का वातावरण ला सके और जो उस कलीसिया में संगति का निर्माण कर सके। और यह आवश्यक नहीं है कि ऐसा व्यक्ति कलीसिया के प्राचीन भाइयों में से कोई एक हो। हम सभी के पास ऐसे मूल्यवान भाई-बहन बनने का अवसर है। कलीसिया में एक भाई/बहन के बारे में सोचें, जो जब भी किसी भी सभा या घर में आते है, तो वह कमरे से चलने वाली स्वर्ग की शुद्ध हवा की तरह होता है। क्या ही अमूल्य भाई/बहन है ऐसा व्यक्ति! यहां तक कि अगर वह सिर्फ पांच मिनट रुक कर आपसे मिलता है, तो आप तरोताजा महसूस करते हैं। आपको ऐसा लगता है जैसे स्वर्ग आपके घर में पांच मिनट के लिए आया हो!

परमेश्वर ने अब्राहम से कहा: "...मैं तुम्हे आशीष दूंगा... और भूमण्डल के सारे कुल तेरे द्वारा आशीष पाएँगे।”(उत्पत्ति 12:2,3)। यह आशीष, पवित्र आत्मा के द्वारा हमारी भी मीरास है। (गलातियों 3:14 के अनुसार)। परमेश्वर आपको इस साल इस तरह आशीषित करना चाहता है की आपका कटोरा कई लोगों के लिए आशीष से उमड़ने लगेगा। इस वर्ष आपके रास्ते में आने वाले हर एक व्यक्ति को आशीष देने के लिए परमेश्वर के अभिषेक में पर्याप्त से अधिक सामर्थ्य और आशीर्वाद है। इसलिए जिन आशीषों को आप प्राप्त करते है उन्हें औरों के जीवन में उंडेलते रहिये। तथापि, अगर आप स्वार्थी होकर परमेश्वर की आशीष केवल खुद के लिए ही रखेंगे, तो रात भर रखे हुए मन्ना क समान उसमे से बदबू आएगी। और जो दूसरों की खेती सींचता है, उसकी सिंचाई स्वयं परमेश्वर करेगा (नीतिवचन 11:25)। आपके जीवन में ऐसा ही हो।

आपका यह वर्ष बहुत ही आशीषित वर्ष हो।